Last Updated: Friday, October 19, 2012, 21:12
मुंबई : कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी में काफी आलोचनाएं झेल चुकी महाराष्ट्र सरकार ने आज बंबई उच्च न्यायालय में एक मसौदा परिपत्र दखिल किया जिसमें कहा गया कि नेताओं या सरकार की आलोचना करने मात्र से ‘देशद्रोह’ का आरोप नहीं लगाया जा सकता।
एडवोकेट जनरल दोरिस खंबाटा ने मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह और न्यायमूर्तित एन जामदार की खंडपीठ में छह बिन्दुओं वाला परिपत्र दाखिल किया। उन्होंने वकील संस्कार मराठे द्वारा देशद्रोह के आरोप में त्रिवेदी की गिरफ्तारी पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह परिपत्र दायर किया। त्रिवेदी को इस आरोप में गिरफ्तार किया गया था क्योंकि उसके कुछ कार्टूनों से राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न और संसद का कथित तौर पर अपमान हुआ।
इससे पूर्व हुई सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने त्रिवेदी को जमानत दे दी थी और बेतुके आधार पर एवं बिना सोचे समझे आरोप लगाने के लिए पुलिस को आड़े हाथों लिया था। सरकार ने उस समय कहा था कि वह देशद्रोह का आरोप वापस ले रही है। सरकार ने कहा था कि वह एक परिपत्र लाए जिसमें भविष्य में देशद्रोह का आरोप लगाने की सीमाएं और मानक स्पष्ट किए जाएंगे। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 19, 2012, 21:11