महाकुंभ: पद विभूषित करने का सिलसिला शुरू

महाकुंभ: पद विभूषित करने का सिलसिला शुरू

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

संगम (इलाहाबाद) : महाकुंभ में शैव अखाड़ों के महंतों और मंडलेश्वरों और महामंडलेश्वरों को पदवी देने के साथ ही गुरुवार को वैष्णव संप्रदाय में पदाधिकारियों को पद विभूषित करने का सिलसिला शुरू हो गया है। गुरुवार को रामानन्द सम्प्रदाय के संत राम राजेश्वर जगद गुरु पद पर विभूषित किए गए। स्वामी राम राजेश्वर को तीनों अनियों, खालसा के श्री महंतों के सामने रामानन्द सम्प्रदाय के जगद गुरु के पद पर आरोहित किया गया।

स्वामी राम राजेश्वर सबसे कम उम्र के जगद्गुरु बन गए हैं। उनकी उम्र महज 20 बरस है, लेकिन अपनी विद्वता, अपने ज्ञान और सामजिक कार्यों में उपलबधता हासिल करने की वजह से उन्हें इस पद पर विभूषित किया गया है। नव नामंकित जगद्गुरु ने हिंदु सनातन परंपरा में वर्तमान में मौजूद विसंगतियों को दूर करने के लिए संकल्प लिया है।

श्री संत सच्चिदानंद संस्थान अमरावती महारष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले राम राजेश्वर ने पद विभूषित होते ही सनातन धर्म के प्रचार प्रसार और उसमे ब्याप्त विसंगतियों को दूर करने के लिए अथक और जीवन पर्यन्त प्रयत्न करने का भरोसा दिलाया। संगम में लगे आस्था के महाकुंभ में शैव अखाड़ों के महंतों और मंडलेश्वरों और महामंडलेश्वरों को पदवी देने के साथ ही वैष्णव संप्रदाय में पदाधिकारियों को पद विभूषित करने का सिलसिला शुरू हुआ।

रामानंदी सम्प्रदाय के स्वामी राम राजेश्वर को जगद् गुरु रामानन्दचार्य के पद पर विभूषित किया गया। अमरावती महाराष्ट से ताल्लुक रखने वाले राम राजेश्वर इस सम्रदाय के अब तक के सबसे कम उम्र के जगद् गुरु बन गए हैं।

स्वामी राम राजेश्वर को तीनों अनियों,खालसा के श्री महंतों के सामने रामानन्द सम्प्रदाय के जगद् गुरु के पद पर आरोहित किया गया। नव नामंकित जगद्गुरु ने हिन्दू सनातन परमपरा में वर्तमान में मौजूद विसंगतियों को दूर करने के लिए संकल्प लिया है। श्री संत सच्चिदानंद संस्थान अमरावती महारष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले राम राजेश्वर ने पद विभूषित होते ही सनातन धर्म के प्रचार प्रसार और उसमे ब्याप्त विसंगतियों को दूर करने के लिए अथक और जीवन पर्यन्त प्रयत्न करने का भरोसा दिलाया।

First Published: Friday, January 18, 2013, 11:12

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