Last Updated: Thursday, January 17, 2013, 14:30
दिनेश सिंहसंगम (एजेंसी): इलाहाबाद के महाकुंभ में साधना के तमाम रंग और साधक नजर आ रहे है । महाकुंभ में तमाम साधु-संन्यासी भी आ रहे हैं लेकिन एक साधु की उम्र 266 साल होने की बात पर आपका चौंकना लाजिमी है।
महाकुंभ में राजनांद गांव से आये कायकल्पी संत बर्फानी दादा 266 साल के है जिसकी वजह से वह इस बार के महाकुम्भ में सबसे ज्यादा उम्र के संत बन गए है । बर्फानी दादा के शिष्यों के मुताबिक बर्फानी दादा अब तक दो बार अपने शरीर का कायाकल्प कर चुके है और एक बार अपने शरीर का त्याग कर दूसरे मृत शरीर में दाखिल हो चुके हैं ।
बर्फानी दादा जो हिमालय के मानसरोवर में सैकड़ो बरस ताप करने के बाद अपने जन्म के 266 बरस पार करने के बाद अभी भी जीवित है ।
बर्फानी दादा के शिष्यों के मुताबिक दादा का मूल नाम हरिदत्त दुबे है जो सन 1747 में उत्तर प्रदेश के उनाव जिले के डोडिया खेडा गाँव में पंडित हरिदत्त दुबे के परिवार में जन्मे थे । संयोग ऐसा रहा की साधना की आस में उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और हिमालय में मानसरोवर जाकर दश विद्या की जटिल साधना करने लगे।
उम्र के नब्बे दशक पार करने के बाद दादा ने अपने शरीर का दो बार कायाकल्प कर लिया और वापस आ गए अपनी पूर्व अवस्था में । अपनी साधना और ऋषियों के सानिध्य में आने के बाद बाबा ने अमरकंटक में अपने शरीर को ही
त्याग दिया और दाखिल हो गए एक दूसरे ब्राह्मण के शरीर में ।
उम्र के 266 बसंत पार कर चुके बर्फानी दादा अब अपने भक्तों को प्रवचन नहीं दे पाते केवल उनके दिव्य शरीर की मौजूदगी मात्र से लोगों का कल्याण हो रहा है ।
First Published: Thursday, January 17, 2013, 14:30