Last Updated: Tuesday, March 12, 2013, 16:19

नई दिल्ली : बसपा प्रमुख मायावती ने कैबिनेट में मतभेद के चलते बलात्कार रोधी विधेयक में विलंब करने के लिए आज केन्द्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि इस मुददे पर केन्द्र के इरादे स्पष्ट नहीं हैं।
मायावती ने यहां संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि यदि यह विधेयक इस सत्र में पारित नहीं हुआ तो आपको पता है कि अध्यादेश समाप्त हो जाएगा। इससे स्पष्ट होता है कि महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के मामले में केन्द्र सरकार के इरादे स्पष्ट नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र इस मुद्दे को कैबिनेट के आंतरिक मतभेदों के कारण ठंडे बस्ते में डालना चाहता है तो मैं सोचती हूं कि इस देश की महिलाएं उसे कभी माफ नहीं करेंगी।’’ मायावती ने दावा किया कि महिलाओं की सुरक्षा से जुडे इस विधेयक पर गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे और कानून मंत्री अश्वनी कुमार के बीच मतभेदों के कारण विधेयक पर फैसला टाला गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मेरी सूचना है, कानून मंत्री कुछ प्रावधानों को लेकर सहमत नहीं थे इसलिए यह मुद्दा अटक गया।’’
यह पूछने पर कि महिलाओं की सुरक्षा से जुडे 40 कानून पहले से ही हैं, तो क्या और कानून बनाने की आवश्यकता है, मायावती ने कहा, ‘‘ मैं मानती हूं चूंकि पूर्व के कानून लागू नहीं किये गये, इसलिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बलात्कार की बढती घटनाओं के मद्देनजर संशोधनों की आवश्यकता है। हमें कानून की तत्काल आवश्यकता है।’’ उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में घंटे भर चली केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आपराधिक कानून (संशोधन ) विधेयक को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी और इसे उच्चाधिकार प्राप्त मंत्रीसमूह के विचारार्थ भेज दिया गया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 12, 2013, 16:19