महिलाओं के लिए हेलमेट: दिल्ली सरकार को नोटिस

महिलाओं के लिए हेलमेट: दिल्ली सरकार को नोटिस


नई दिल्ली : स्कूटर और मोटर साइकिल की पिछली सीट पर बैठने वाली महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य करने के न्यायिक आदेश पर अमल नहीं करने के कारण अवमानना कार्यवाही हेतु दायर याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने शीला दीक्षित सरकार से जवाब तलब किया है।

उच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह पिछली सीट पर बैठने वाली महिलाओं के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य करने हेतु मोटर वाहन नियमों में संशोधन करे। न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने सामाजिक फिल्म निर्माता उल्हास पी आर की अवमानना याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया। दिल्ली सरकार को 14 दिसंबर तक नोटिस का जवाब देना है।

अवमानना याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार उच्च न्यायालय के 25 अप्रैल के आदेश के बावजूद पिछली सीट पर बैठने वाली महिलाओं के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य करने हेतु मोटर वाहन नियमों में संशोधन करने में विफल रही है। न्यायालय के आदेश के तहत दिल्ली सरकार को मोटर वाहन नियमों में संशोधन 25 जून तक करना था। न्यायालय ने 25 अप्रैल को इस मामले में दायर जनहित याचिका का निबटारा करते हुए दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वह दो महीने के भीतर मोटर वाहन निमयों में उचित संशोधन करे।

इससे पहले, सरकारी वकील जुबेदा बेगम ने न्यायालय को सूचित किया था कि मोटर वाहन कानून केन्द्रीय कानून होने के बावजूद इसमें पिछली सीट पर बैठी महिलाओं के लिए हेलमेट पहनने की अनिवार्यता वैकल्पिक नहीं है। उन्होंने कहा कि था कि दिल्ली सरकार ने मोटर वाहन नियम, 1993 में महिलाओं के लिए इसे ऐच्छिक बना दिया था लेकिने अब सरकार ने सारे मसले पर फिर से विचार करने का निश्चय किया है। दिल्ली मोटर वाहन नियम 1993 के तहत पगड़ी पहनने वाले सिखों के साथ ही महिलाओं को भी स्कूटर और मोटर साइकिल की सवारी करते समय हेलमेट पहनने से छूट मिली हुई है। (एजेंसी)

First Published: Friday, July 13, 2012, 16:19

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