Last Updated: Thursday, January 3, 2013, 22:11
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश के लिए केन्द्र सरकार द्वारा मौजूदा कानून को और सख्त बनाने के प्रति सैद्धान्तिक सहमति जताते हुए कहा कि वह इस संबंध में प्रस्तावित संशोधन विधेयक पर विचार के लिए और समय मांगेगी तथा ऐसे मामलों में अभियुक्तों की तत्काल गिरफ्तारी का प्रावधान किए जाने के प्रावधान का सुझाव देगी।
प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) बद्री प्रसाद सिंह ने केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा इस मामले में कल नई दिल्ली में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों एवं पुलिस महानिदेशकों की बैठक की पूर्व संध्या पर आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘केन्द्र सरकार द्वारा महिला उत्पीड़न एवं अनुसूचित जाति जनजाति उत्पीड़न की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्तावित संशोधन विधेयक का मसौदा राज्य सरकार को देर से मिला है और इसलिए हम उस पर विचार करने के लिए केन्द्र सरकार से और समय मांगेगे।’
उन्होंने कहा कि आज मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में प्रमुख सचिव गृह आर.एम. श्रीवास्तव एवं पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक में इन अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कानून में जरूरी संशोधन के बारे में विचार किया जिन्हें गृहमंत्री की बैठक में रखा जाएगा। सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार से छेड़खानी, महिला उत्पीड़न से संबंधित धाराओं को गैर जमानती बनाने और ऐसे मामलों में अभियुक्तों की तत्काल गिरफ्तारी का प्रावधान किए जाने की मांग करेगी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 3, 2013, 22:11