Last Updated: Friday, May 4, 2012, 17:23
रायपुर : छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की अदालत ने शुक्रवार को माओवादी गतिविधियों के आरोपी मालती और मीना चौधरी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य शासन के वकील ने याचिका पर कोई आपत्ति नहीं की। इधर राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस पूरे मामले में छिपा हुआ एजेंडा होने की बात कही है।
मीना चौधरी और मालती उर्फ शांतिप्रिय रेड्डी के अधिवक्ता शादीक अली ने आज यहां बताया कि उन्होंने गुरूवार को मीना चौधरी की ओर से स्थानीय अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी वहीं आज सुबह मालती की जमानत अर्जी भी दाखिल की गई। दोनों की अर्जी पर आज अदालत में सुनवाई हुई। अली ने बताया कि अर्जी की सुनवाई के दौरान राज्य शासन के वकील एसके शर्मा ने कहा कि उन्हें दोनों आरोपियों को जमानत दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बीपी वर्मा की अदालत ने कहा कि चुंकि यह अपराध गंभीर प्रकृति का प्रतीत होता है इसलिए वह जमानत की अर्जी खारिज कर रहे हैं।
अली ने बताया कि वह माओवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपी शांतिप्रिया उर्फ मालती, मीना चौधरी और असित सेन गुप्ता की ओर से अधिवक्ता हैं। बुधवार को माओवादियों की ओर से मध्यस्थ बीडी शर्मा और प्राफेसर हरगोपाल ने उनके संपर्क किया था और मीना चौधरी तथा मालती की जमानत याचिका दाखिल करने की बात कही थी। वहीं इन दोनों महिलाओं के परिजनों ने भी जमानत याचिका दाखिल करने के लिए कहा था। इसके बाद गुरूवार को मीना चौधरी की जमानत याचिका दाखिल की गई थी तथा आज सुबह मालती की जमानत याचिका दाखिल की गई।
(एजेंसी)महिला नक्सलियों की बेल अर्जी खारिज
First Published: Friday, May 4, 2012, 22:53