Last Updated: Thursday, January 10, 2013, 00:46
जीन्द : सुप्रीम कोर्ट द्वारा खाप पंचायतों पर लिए गए कड़े रूख के बावजूद खाप पंचायतों के प्रतिनिधि एक गांव और एक गोत्र में शादी तथा मां.बाप की मर्जी के खिलाफ होने वाली शादी को किसी भी सूरत में नहीं मानने को तैयार नहीं हैं। यह बात नरवाना में हुई खापों की बैठक में सामने आई। बैठक में हिसार, फतेहाबाद, जीन्द, कैथल, सोनीपत आदि जिलों के खाप प्रधानों व प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
ज्ञातव्य है कि उच्चतम न्यायालय ने आनर किलिंग, प्रेम विवाह के मामलों में सख्त रूख अपनाते हुए खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों को अपना पक्ष रखने के लिए 14 जनवरी को बुलाया है लेकिन बावजूद इसके खापों ने नरवाना में हुई खापों की मीटिंग में खापों के रूख में कोई नरमी देखने को नहीं मिली। बैठक में बिनैण खाप के प्रधान नफेसिंह नैन ने कहा कि अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों के मां-बाप भी शादी में शामिल होने चाहिए। नहीं तो खाप शादी को नहीं मानेंगी । एक गांव में शादी और एक गोत्र में शादी को भी खाप पंचायतें किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगी । उन्होंने कहा कि वे अपने पूर्वजों के आधार पर फैसले लेते रहेंगे।
सर्वखाप के प्रवक्ता सूबेसिंह समैण ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक संस्था शक्तिवाहिनी ने खापों के खिलाफ पटीशन डाली है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खापें भी अपना पक्ष रख सकती हैं। कोई भी आर्डर पास करने से पहले उस पर विचार किया जाएगा। इसके लिए आज हिसार, जीन्द, फतेहाबाद, रोहतक, कैथल, कुरुक्षेत्र की खापों के लोग शामिल हुए और फैसला लिया कि खापों की पैरवी के लिए दो व्यक्तियों को अधिकृत किया गया है। इनमें सर्वखाप के सचिव कुलदीप ढांडा व सूबेसिंह शामिल हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 10, 2013, 00:46