Last Updated: Wednesday, April 18, 2012, 15:42
भुवनेश्वर : ओड़िशा के बीजद विधायक झीना हिकाका का अपहरण करने वाले माओवादियों ने मांगे पूरी किये जाने की समयसीमा आज शाम पांच बजे समाप्त होने के बाद इसे आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया। माओवादियों ने कहा कि विधायक के बारे में फैसला अब जनता की अदालत में होगा क्योंकि उन्हें ओड़िशा सरकार में विश्वास नहीं है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) आंध्र ओड़िशा बार्डर स्पेशल जोनल कमेटी (एओबीएसजेडसी) के एक नेता ने मीडिया को जारी एक संदेश में कहा कि लक्ष्मीपुर से आदिवासी विधायक 37 वर्षीय हिकाका के बारे में फैसला अब ‘प्रजा’ अदालत में किया जाएगा।
माओवादियों ने अपने संदेश में कहा कि उनका राज्य सरकार में कोई विश्वास नहीं है। इसमें दावा किया गया कि सरकार जेल में बंद नक्सलियों को रिहा करके विधायक की रिहायी कराने को लेकर गंभीर नहीं है।
संदेश में कहा गया है कि समयसीमा पूर्व में चार बार बढ़ाई जा चुकी है और अब इसे और नहीं बढ़ाया जाएगा। माओवादियों और उनके मोर्चे चासी मुलिया आदिवासी संघ (सीएमएएस) के मुकदमे लड़ने वाले कोरापुट के वकील निहार रंजन पटनायक ने कहा कि प्रजा अदालत का आयोजन संभवत: कल किया जाएगा और उसके आयोजन स्थल एवं समय के बारे में निर्णय बाद में किया जाएगा।
माओवादियों ने मांग की थी कि जिन्हें जेल से रिहा किया जाना है उनके खिलाफ मामले वापस लिये जाएं। माओवादियों ने जिन सदस्यों को जेल से रिहा किये जाने की मांग की थी उनकी जमानत लेने से इनकार कर दिया था। माओवादियों ने 24 मार्च को अपहृत विधायक की रिहायी के बदले जिन लोगों की रिहायी की मांग की थी उनकी सूची में से चंद्र भूषणम उर्फ घासी का नाम हटा दिया था जो 55 पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में आरोपी है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 18, 2012, 22:00