मायावती की मूर्ति तोड़ी, बसपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश

मायावती की मूर्ति तोड़ी, बसपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश

मायावती की मूर्ति तोड़ी, बसपा कार्यकर्ताओं में आक्रोशज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनउ में पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती की मूर्ति को गुरुवार को कुछ अज्ञात लोगों ने खंडित किये जाने के विरोध में बसपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी सड़कों पर उतर आई और उन्होंने प्रदेश में जगह-जगह उग्र प्रदर्शन किए। नतीजतन इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ होने लगी और देर रात नई मूर्ति स्थापित करने का काम आरम्भ कर दिया गया। इस बीच, स्थिति को उग्र होते देख उत्तकर प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है।

सपा ने जहां मायावती की मूर्ति खंडित किये जाने की घटना को प्रदेश सरकार के इशारे पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हरकत करार दिया, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस वारदात की निंदा करते हुए कहा कि यह कृत्य प्रदेश के सौहार्द्रपूर्ण वातावरण को दूषित करने का सुनियोजित प्रयास है और इसके दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस घटना की जिम्मेदारी तथाकथित संगठन उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना ने ली है।

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अम्बरीष चन्द्र शर्मा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि दोपहर में कुछ अज्ञात लोगों ने अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल स्थित बसपा नेता मायावती की मूर्ति पर बड़े हथौड़े से ताबड़तोड़ प्रहार करके प्रतिमा खंडित कर दी। उन्होंने बताया कि इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें अर्पित श्रीवास्तव तथा आलोक श्रीवास्तव के अलावा विशाल मिश्र नामक का व्यक्ति शामिल है, जो एक मीडिया मैनेजमेंट कम्पनी का मालिक है।

वारदात से ऐन पहले उसी की कम्पनी की मदद से सेना के पदाधिकारियों ने संवाददाता सम्मेलन किया था और उसमें मायावती की मूर्तियां खंडित करने की चेतावनी दी गई थी।

शर्मा ने बताया कि घटना की जिम्मेदारी लेने वाले उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना का पदाधिकारी अमित जानी उर्फ अमित अग्रवाल अपराधी किस्म का व्यक्ति है और उसके खिलाफ डकैती, जान से मारने की नीयत से हमला तथा आगजनी करने समेत कई अपराधों के सात मुकदमे दर्ज हैं।

ज्ञातव्य है कि मायावती की मूर्ति तोड़े जाने से ऐन पहले आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित जानी ने कहा था कि मायावती ने प्रदेश के 20 करोड़ लोगों को तानाशाही करके लूटा है और उनकी मूर्तियां कलंक हैं, लिहाजा उन्हें तोड़ दिया जाना चाहिये। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती तो सेना के कार्यकर्ता खुद इस काम को अंजाम देंगे।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि जिस तरह से घटना से पहले वहां तीन फोटोग्राफर मौजूद थे उससे इस घटना के पीछे एक गहरी साजिश का अंदेशा होता है।

शर्मा ने नवनिर्माण सेना की प्रेस कांफ्रेंस के बारे में जानकारी नहीं होने को अभिसूचना तंत्र की नाकामी करार देते हुए कहा कि इसकी भी जांच कराई जा रही है। प्रदेश के गृह विभाग के प्रमुख सचिव आरएम श्रीवास्तव ने इस मौके पर कहा कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जगह-जगह लगी महापुरुषों की मूर्तियों की सुरक्षा के लिए विशेष सतर्कता बरते जाने के निर्देश दिए गए हैं।

इस बीच, राज्य विधानसभा में बसपा तथा विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस घटना को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि सरकार की मर्जी के बगैर इतनी बड़ी घटना नहीं हो सकती। यह सब कुछ सरकार का ही किया-धरा है। हमें पता लगा है कि सपा के कार्यकर्ताओं ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है। मौर्य ने आगाह किया के देश के तमाम दलितों में गुस्से का उबाल आने से पहले प्रदेश सरकार समय रहते तत्काल मायावती की तोड़ी गयी मूर्ति को ठीक नहीं कराती है तो इसका खामियाजा राज्य सरकार को भुगतना पड़ेगा।

प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बयान में अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल स्थित पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति क्षतिग्रस्त किये जाने की निंदा करते हुए कहा कि यह कृत्य प्रदेश के सौहार्द्रपूर्ण वातावरण को दूषित करने का सुनियोजित प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस कृत्य के लिये दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने तथा क्षतिग्रस्त मूर्ति को तुरन्त ठीक कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। सत्तारूढ़ सपा के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने भी मायावती की मूर्ति तोड़े जाने की निंदा करते हुए कहा कि उस प्रतिमा को फिर से पुरानी अवस्था में लाया जाएगा।

इस बीच, बसपा अध्यक्ष की मूर्ति तोड़े जाने का प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर कड़ा विरोध किया गया। झांसी, अम्बेडकर नगर, कौशाम्बी, सुलतानपुर, कानपुर, बाराबंकी, लखनउ तथा नोएडा समेत प्रदेश के अनेक जिलों में बसपा कार्यकर्ताओं ने मार्ग जाम किया, पुतले फूंके और धरना किया।

कई जगहों पर पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिये बल प्रयोग भी करना पड़ा और बड़ी संख्या में बसपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया। हालात के मद्देनजर सभी जिलों को सतर्क कर दिया गया है।

भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

First Published: Thursday, July 26, 2012, 23:57

comments powered by Disqus