Last Updated: Tuesday, July 3, 2012, 21:34
लखनऊ : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने पूर्व की मायावती सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय में एक धरोहर इमारत को जमींदोज करा दिया।
कैग ने यह आरोप अपनी मार्च 2011 की रिपोर्ट में लगाया है। यह रिपोर्ट सोमवार को विधानसभा में पेश की गई।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मायावती के नेतृत्व वाली तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को सूचित किए बगैर धरोहर घोषित की गई इमारत को गिरा दिया।
यही नहीं माया सरकार ने इसके लिए अनिवार्य अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना भी जरूरी नहीं समझा।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा है कि एएसआई ने इस इमारत को वर्ष 1920 में धरोहर घोषित किया था और इस इमारत के मलबे को मात्र 14.63 लाख रुपये में बेच दिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक अवध वास्तुशिल्प रखने वाली इस इमारत की जगह पर मायावती सरकार ने 28.30 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक भवन का निर्माण कराया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 3, 2012, 21:34