मुजफ्फनगर दंगा: अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं, तबादला चाहते हैं ADG अरुण कुमार। Muzaffarnagar riots: No arrests yet, ADG seeks transfer

मुजफ्फनगर दंगा: अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं, तबादला चाहते हैं ADG अरुण कुमार

मुजफ्फनगर दंगा: अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं, तबादला चाहते हैं ADG अरुण कुमारज़ी मीडिया ब्‍यूरो

मुजफ्फनगर/लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर हिंसा के मामले में तमाम कोशिशों के बाद भी पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। वहीं, बुधवार को तमाम कोशिशों के बाद भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोपी विधायकों को भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई। मामला दर्ज होने के एक सप्ताह से ज्यादा समय बीतने के बाद भी पुलिस अभी तक किसी नेता को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

उधर, उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) के पद पर तैनात भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी अरुण कुमार ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए मुक्त करने का अनुरोध किया है। सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी सरकार में पुलिस विभाग पर राजनेताओं के दबाव से अरुण कुमार परेशान हैं, इसीलिए वह यहां काम नहीं करना चाहते हालांकि उन्होंने अपने पत्र में इस बात का जिक्र नहीं किया।

मुजफ्फरनगर में भड़की हिंसा के बाद लगातार शांति पूर्ण होते हालातों के मद्देनजर कर्फ्यू को पूरी तरह से हटाने के बाद अब मंगलवार को सेना को भी हटाने का फैसला किया गया है। जिले में विगत सात सितंबर को भड़की हिंसा के बाद हालात काबू में करने के लिए सेना तैनात करनी पड़ी थी।

वहीं, मुजफ्फरनगर पुलिस ने कहा है कि हिंसा के मामले में जो लोग नामजद हुए हैं, बहुत जल्द उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बुधवार को कहा कि जिन नेताओं के खिलाफ हिंसा में शामिल होने और भड़काने के आरोप में मामले दर्ज हैं, अगले 48 घंटों के अंदर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बिना किसी का नाम लिए कुमार ने कहा कि पुलिस ने इन नेताओं के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य जुटा लिए हैं। पुलिस के ऊपर कोई राजनीतिक दबाव नहीं है।

उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ने मंगलवार को धारा 144 लागू होने के बावजूद सभा व भाषणबाजी करने के मामले में बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के सांसद कादिर राणा, बसपा विधायक सलीम राणा व जमील अहमद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक संगीत सोम, भारतेंदु सिंह, किसान नेता राकेश और नरेश टिकैत सहित कुल 16 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे।

मुजफ्फरनगर हिंसा में अपनी कार्यशैली को लेकर घिरी सपा सरकार ने हिंसा भड़काने के आरोपी भाजपा और बसपा नेताओं की गिरफ्तारी की मंजूरी दे दी है। जबकि भाजपा की नेता उमा भारती ने चेतावनी दी कि `गिरफ्तारी के बाद हालात बिगड़ेंगे तो इसकी जिम्मेदारी अखिलेश सरकार की होगी।` इसके बाद नफा-नुकसान का आकलन करने के बाद पुलिस-प्रशासन ने फिलहाल गिरफ्तारी को टाल दी लेकिन उसने दावा किया हिंसा भड़काने के आरोप में नामजद विधायकों की जल्द गिरफ्तारियां की जाएंगी।

लखनऊ में विधानसभा के बाहर पुलिस के जमावड़े को देखकर लग रहा था कि भाजपा विधायक संगीत सोम और भारतेंदु सिंह की गिरफ्तारी लगभग पक्की है लेकिन उनकी नेता उमा भारती घेरा बनाकर उन्हें चंद कदम पर स्थित भाजपा प्रदेश मुख्यालय ले आईं। इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि भाजपा विधायकों की गिरफ्तारियां के गंभीर परिणाम होंगे। पुलिस इससे बैकफुट पर आ गई।

एक नए बवाल से बचने के लिए पुलिस ने फिलहाल गिरफ्तारी न करने का फैसला किया। उच्चाधिकारियों ने विमर्श कर विधायकों की रणनीति के परिणाम का आकलन किया तो उन्हें भी लगा कि स्थिति खराब हो सकती है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) राज कुमार विश्वकर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि जिन विधायकों के खिलाफ अदालत द्वारा वारंट जारी किए गए हैं वारंट उन्हें तामील करवा रहे हैं। अभी किसी विधायक की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। विशेष टीम जांच कर रही है और जो दोषी होंगे उनकी गिरफ्तारी जरूर होगी।

वहीं इस मामले में पूछे जाने पर राज्य के संसदीय कार्यमंत्री आजम खान ने कहा कि अदालत के वारंट का मतलब होता है कि गिरफ्तारी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसी दोषी को नहीं बख्शेगी। सरकार दोषियों को सजा दिलाने के लिए अदालत के दरवाजे तक जाएगी। मामला दर्ज होने के एक सप्ताह से ज्यादा समय बीतने के बाद भी पुलिस अभी तक किसी नेता को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ने मंगलवार को धारा 144 लागू होने के बावजूद सभा व भाषणबाजी करने के मामले में बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के सांसद कादिर राणा, बसपा विधायक सलीम राणा व जमील अहमद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक संगीत सोम, भारतेंदु सिंह, किसान नेता राकेश और नरेश टिकैत सहित कुल 16 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे।

सूत्रों के मुताबिक मुजफ्फरनगर हिंसा में अपनी कार्यशैली को लेकर घिरी सपा सरकार ने हिंसा भड़काने के आरोपी भाजपा और बसपा नेताओं की गिरफ्तारी की मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन पुलिस फिलहाल स्थिति का आकलन कर रही है।


उधर, गृह विभाग के सूत्रों के मुताबिक कुमार ने प्रमुख सचिव गृह आऱ एम़ श्रीवास्तव को पत्र भेजकर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए मुक्त करने का अनुरोध किया है, लेकिन गृह विभाग ने इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।

पुलिस महकमे में पुलिस महानिदेशक के बाद सबसे महत्वपूर्ण पद माना जाने वाले इस पद को पाने के लिए आईपीएस अधिकारी तमाम तरह की जोड़ तोड़ करते हैं लेकिन इस पद को पाने के बाद किसी अधिकारी द्वारा स्वयं को मुक्त करने की बात से सबको हैरानी हो रही है।

First Published: Thursday, September 19, 2013, 10:07

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