मुजफ्फरनगर हिंसा: पीड़ितों से मिले अखिलेश, विश्वास बहाली पर दिया जोर| Akhilesh Yadav

मुजफ्फरनगर हिंसा: पीड़ितों से मिले अखिलेश, विश्वास बहाली पर दिया जोर

मुजफ्फरनगर हिंसा: पीड़ितों से मिले अखिलेश, विश्वास बहाली पर दिया जोरलखनऊ/मुजफ्फरनगर : मुजफ्फरनगर जिले में पिछले शनिवार को भड़की साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर विपक्षी दलों के साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं के हमलों के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रविवार को दंगों में हताहत हुए लोगों के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे लेकिन कवाल गांव में उन्हें काले झांडे दिखाये गये और नाराज लोगों ने सरकार तथा प्रशासन के विरोध में जोरदार नारेबाजी की।

दंगे के आठ दिन बाद मुजफ्फरनगर पहुंचे मुख्यमंत्री अखिलेश अपने काफिले के साथ सबसे पहले कवाल गांव पहुंचे जहां 27 अगस्त को छेड़खानी की एक घटना को लेकर दो समुदायों के तीन युवकों की हत्या कर दी गयी थी और जिसके लगभग दस दिन बाद जिले में हिंसा भड़क उठी थी।

कवाल गांव पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने दंगे के लिए सरकार और प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाए और उनके विरूद्ध नारेबाजी की। स्थानीय लोगों का आरोप था कि मुख्यमंत्री ने केवल बाहरी लोगों से भेंट की और गांव के लोगों से न तो बातचीत की और न ही उनके ज्ञापन लिए।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर संवाददाताओं से कहा, ‘जो हुआ वह अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा में जिन परिवारों के बेटे मारे गए अथवा घायल हुए उनके लिए ही नहीं बल्कि हम सब के लिए यह बहुत दुखद है।’

उन्होंने कहा ‘हमारी हर नागरिक से शांति बनाये रखने की अपील है और वादा है कि उपद्रवों के लिए जो भी दोषी पाया जायेगा उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी।’ मुख्यमंत्री अखिलेश कवाल के बाद दंगों में हताहत हुए लोगों के परिजनों से मिलने मलिकपुरा और कांधला गांव गये।

अखिलेश ने दंगे में हताहत हुए लोगों के परिजनों से मिलने के बाद कहा, ‘मैंने दंगों में हताहत हुए लेागों के परिवार वालों से मिलकर उनकी तकलीफ सुनी और उन्हें पूरे न्याय का भरोसा दिलाया है। दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी और उनके विरूद्ध रासुका भी लगाया जाएगा।’
उन्होंने कहा कि सरकार दंगा प्रभावित परिवारों को हुए नुकसान की यथासंभव भरपाई करने की कोशिश करेगी।

अखिलेश ने कहा, ‘लोग एक दूसरे से घुलमिल कर रहते थे, एक दूसरे के शादी-विवाह में शामिल होते थे। दोनों समुदायों के बीच साजिश के तहत वैमनस्य और कटुता पैदा की गयी है। गांव के समझदार लोगों और बुजुर्गों को आपस में मिल बैठ कर सौहार्द का वातावरण फिर से स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए।’

उत्तरप्रदेश विधानमंडल के कल से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र में इस मुद्दे को लेकर हंगामा तय है और इस लिहाज से मुख्यमंत्री का यह दौरा खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के दौरे को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और इसी सप्ताह कभी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी दंगा पीड़ित इलाकों के दौरे पर पहुंचने वाले हैं। (एजेंसी)

First Published: Sunday, September 15, 2013, 12:53

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