Last Updated: Friday, September 20, 2013, 23:40

लखनऊ : मुजफ्फरनगर दंगों के सिलसिले में पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार को भाजपा विधायक सुरेश राणा को दंगों से पहले एक महापंचायत में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद राणा को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शैल कुमारी के सामने प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने उन्हें 20 घंटे की ट्रांजिट रिमाण्ड पर मुजफ्फरनगर पुलिस को सौंप दिया।
मुजफ्फरनगर से लगे शामली जिले की थाना भवन सीट से भाजपा विधायक राणा को उत्तर प्रदेश विधान सभा के मानसून सत्र को अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिये जाने के बाद उस समय गिरफ्तार किया गया जब वे पार्टी कार्यालय से गोमती नगर जा रहे थे।
मुजफ्फरनगर दंगों को भड़काने के लिये भड़काऊ भाषण देने के आरोप में नामजद विधायकों की गिरफ्तारी में हो रहे विलंब के कारण प्रदेश सरकार की आलोचना के बीच पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) राजकुमार विश्वकर्मा ने गुरुवार को कहा था कि सदन का सत्र जारी होने के कारण यह गिरफ्तारियां जानबूझ कर टाली जा रही थीं।
विश्वकर्मा ने बताया, ‘लखनऊ पुलिस ने राणा की गिफ्तारी, उनकी गिरफ्तारी के लिये जारी वारंट पर अमल के लिये मुजफ्फरनगर पुलिस की तरफ से आधिकारिक आग्रह के आधार पर की।’
उन्होंने बताया कि राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 (जानबूझ कर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करना), 153ए (दो धार्मिक समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना), 353 (दंगे भड़काने के लिये उकसाना) और 435 (संपत्ति को क्षति पहुंचाना) के साथ ही सेवेन क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है, जो कि गैर जमानती है।
विधानसभा सत्र के तुरंत बाद राणा की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मी कांत बाजपेयी, पार्टी विधान दल के नेता हुकुम सिंह सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और नेता गोमती नगर पुलिस थाने पर पहुंच गये, जहां उन्हें गिरफ्तारी के बाद ले जाया गया था।
राणा को देर शाम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शैल कुमारी के आवास पर उनके समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात थे। इससे पूर्व मुजफ्फरनगर दंगों में नामजद अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर विश्वकर्मा ने बताया कि फिलहाल कुल 72 लोगों की तलाश है।
उन्होंने कहा, ‘जब और जैसे अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी होगी मीडिया को सूचित किया जायेगा।’ विश्वकर्मा ने कहा था कि विधानसभा का सत्र जारी रहने के कारण मुजफ्फरनगर दंगों में नामित विधायकों की गिरफ्तारी से जानबूझ कर बचा जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘हम किसी विधायक को विधानसभा परिसर से गिरफ्तार नहीं कर सकते और सदन के सत्र में रहने के दौरान भी किसी विधायक की गिरफ्तारी से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को सूचित करना आवश्यक है।’
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर की एक अदालत में बुधबार को बसपा सांसद कादिर राणा, भाजपा विधायकों संगीत सोम और भारतेन्दू सिंह, बसपा विधायकों नूर सलीम और मौलाना जमील, कांग्रेस नेता सईदुज्जमां और भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत सहित 16 लोगों के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
जिन लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, उनके विरूद्ध मुजफ्फरनगर जिले में भड़के दंगे से पहले विभिन्न जनसभाओं और महापंचायतों में भड़काऊ भाषण देने और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमे दर्ज हैं।
मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में 27 अगस्त को दो समुदायों के तीन युवकों की हत्या के बाद से तनाव पूर्ण माहौल में जिले के विभिन्न भागों में हुई जनसभाओं तथा महापंचायतों के बाद सात सितंबर को जिले में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें मुजफ्फरनगर सहित आसपास के जिलों में 47 लोगों की जानें चली गयी।
इन दंगों के कारण लगभग 40 हजार लोगों को अपना घर बार छोड़ कर शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। दंगों में नामित भाजपा विधायक संगीत सोम की उत्तर प्रदेश विधान भवन के सामने ही गिरफ्तार कर लिये जाने की तैयारियों की चर्चा के बीच अच्छा खासा ड्रामा हुआ था, भाजपा नेत्री उमा भारती के नेतृत्व में सोम भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ वहां से निकल गये थे। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 20, 2013, 17:44