Last Updated: Friday, September 13, 2013, 16:13

लखनऊ : मुजफ्फरनगर हिंसा में मृत हुए लोगों का आंकड़ा 44 पहुंच गया है। हिंसा थमने के बाद लगातार तेजी से हालात शांतिपूर्ण हो रहे हैं, जिसे देखते हुए प्रशासन ने शुक्रवार से दिनभर (12 घंटे) के लिए कर्फ्यू में ढील देने का फैसला किया है। हिंसा की किसी नई घटना की सूचना नहीं है।
राज्य सरकार की तरफ से शुक्रवार को बताया गया कि हिंसा में अब तक मुजफ्फरनगर में 38, शामली एक, सहारनपुर में एक, बागपत में तीन व मेरठ में एक व्यक्ति की मौत हुई है। मुजफ्फरनगर में जौली गंग नहर में आज दो शवों के मिलने की सूचना है, लेकिन प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। हिंसा में करीब चालीस हजार लोग बेघर हो गए हैं, जो राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। पीड़ितों की मदद के लिए करीब 38 राहत शिविर बनाए गए हैं।
मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि प्रशासन की तरफ से पीड़ितों की मदद के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सहायता शिविरों की देखभाल के लिए अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार ने शुक्रवार को बताया कि तेजी से सुधरते हालात के मद्देनजर तीनों थाना क्षेत्रों -सिविल लाइन, कोतवाली और नई मंडी- में आज से दिन का (सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक) कर्फ्यू हटाने का निर्णय लिया गया है। अब केवल रात के वक्त ही कर्फ्यू प्रभावी रहेगा।
मुजफ्फरनगर में अब तक कुल 504 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। 12 हजार लोग पाबंद किए गए हैं और 2300 शस्त्रों के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। मुजफ्फरनगर में हिंसा भड़काने के लिए कथित रूप से फर्जी सीडी वितरित की गई। पुलिस ने फर्जी सीडी वितरित करने वालों की सूचना देने वाले के लिए एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर के कवाल इलाके में लगभग दो सप्ताह पूर्व छेड़छाड़ की एक घटना के बाद भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसी घटना को लेकर शनिवार को महापंचायत बुलाई गई थी। महापंचायत से लौट रहे लोगों पर शरारती तत्वों ने पथराव किया, जिसके बाद जिले में हिंसा भड़क उठी। हिंसा जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैल गई। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 13, 2013, 16:13