Last Updated: Friday, December 9, 2011, 05:40
तिरुवनंतपुरम: मुल्लापेरियार बांध मुद्दे पर केरल विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हुआ जिसमें 116 साल पुराने ढांचे की जगह नया बांध बनाने के लिए राज्य में राजनीतिक सर्वसम्मति को अंतिम रूप दिए जाने पर चर्चा होगी ।
मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने अपने प्रारंभिक बयान में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तमिलनाडु ने बांध को लेकर केरल की चिंताओं और भय पर ध्यान नहीं दिया यहां तक कि क्षेत्र में अक्सर आने वाले भूकंप के झटकों के मद्देनजर भी ।
उन्होंने कहा कि केरल ने पूरी तरह स्पष्ट कर दिया था कि उसका पड़ोसी नए बांध के निर्माण के बाद भी पहले जितना पानी हासिल करता रहेगा और राज्य तमिलनाडु के साथ अपने अच्छे संबंधों से कोई समझौता किए बिना मुद्दे का समाधान निकालना चाहता है । नेता विपक्ष वीएस अच्युतानंदन ने इसका समर्थन किया ।
तीन घंटे की चर्चा के बाद सदन द्वारा सर्वसम्मति वाले प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने की उम्मीद है जिसमें नए बांध और तत्काल सुरक्षा कदम के रूप में जलाशय के पानी का स्तर 136 फुट से घटाकर 120फुट करने की मांग की जा रही है ।
यह मुद्दा पिछले दो हफ्तों में काफी गरमा गया है । केरल सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर नए बांध के निर्माण पर जोर दे रहा है जबकि तमिलनाडु का मानना है कि पुराना ढांचा किसी नए बांध की तरह ही ठीकठाक है । क्षेत्र में हाल में आए भूकंप के झटकों और बांध में पानी का स्तर बढ़ने के मद्देनजर केरल में विभिन्न राजनीति दल और सामाजिक समूह सिलसिलेवार प्रदर्शन कर रहे हैं ।
यह बांध केरल के इडुकी जिले में स्थित है लेकिन 999 साल के पट्टे पर इसकी देखरेख तमिलनाडु करता है ।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 9, 2011, 12:46