Last Updated: Wednesday, January 11, 2012, 08:23
ज़ी न्यूज ब्यूरो लखनऊ : विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े उत्तर प्रदेश में हाथियों की मूर्तियों को ढके जाने के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका को बुध्वार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वापस लिया हुआ मानकर खारिज कर दिया।
इस सिलसिले में सोमवार को स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता धीरज सिंह ने एक जनहित याचिका दायर की थी। मुख्य न्यायाधीश एसआर आलम और न्यायमूर्ति राम विजय सिंह की खंडपीठ के समक्ष यह जनहित याचिका सुनवाई के लिए आई। उन्होंने कहा कि याचिका में तकनीकी खामी है। अदालत ने इस पर नाराजगी जताई कि जनहित याचिका में ना तो याचिकाकर्ता की पहचान जाहिर नहीं की गई है ना ही चुनाव आयोग के संबद्ध आदेश की प्रति संलग्न की गई है।
याचिकाकर्ता के वकील अनिल सिंह बिसेन ने इसके बाद खामियों को दूर करने के लिए संशोधन दाखिल करने की इजाजत देने के लिए अदालत से अनुरोध किया। बहरहाल, अदालत ने कहा कि याचिका को वापस लिया हुआ मान कर खारिज किया जाता है और याचिकाकर्ता को यह छूट दी जाती है कि वह नियमों के मुताबिक एक नई जनहित याचिका दायर करे।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब बुधवार शाम पांच बजे तक सभी मायावती समेत सभी हाथियों की मूर्तियों को ढक दिया जाएगा। इससे पूर्व में सभी की निगाहें इलाहाबाद हाईकोर्ट के आने वाले फैसले पर टिकी हुई थीं।
गौर हो कि 11 जनवरी को दोपहर 12 बजे तक मूर्तियों को ढकने के चुनाव आयोग के आदेश पर तीन दिन सरकारी तंत्र मौन रहा लेकिन मंगलवार शाम को सरकारी महकमा हरकत में दिखा। डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल में करीब साठ बड़े हाथियों को तिरपाल से ढकने का काम शुरू हुआ। करीब तीन सौ मूर्तियों पर परदा पड़ना है, जिसमें अधिकांश हाथी की हैं। गोमतीनगर के सामाजिक परिवर्तन स्थल पर सुबह कांशीराम व मायावती की प्रतिमा के चारों तरफ लोहे का ढांचा खड़ा किया गया लेकिन परदा पड़ने का काम शुरू नहीं हो सका।
First Published: Wednesday, January 11, 2012, 19:00