मेघालय में गोरखालैंड को लेकर प्रदर्शन

मेघालय में गोरखालैंड को लेकर प्रदर्शन

शिलांग : कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के तेलंगाना राज्य को लेकर 30 जुलाई को दिए गए अनुमोदन के बाद मंगलवार को गारो घाटी गोरखालैंड की मांग से गूंज उठी।

कुछ गारो संगठनों के एक समूह द गारो हिल्स स्टेट मूवमेंट कमेटी (जीएचएसएमसी) ने अपने सहयोगी क्षेत्रीय राजनीतिक दल द गारो नेशनल काउंसिल (जीएनसी) के साथ मिलकर मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय के सामने दो दिवसीय प्रदर्शन शुरू कर दिया। गारो के पांचों जिला मुख्यालयों से गोरखालैंड राज्य बनाए जाने की मांग है।

महासचिव ऑगस्टाइन मारक ने कहा कि वर्षों से हम गोरखालैंड की लड़ाई लड़ रहे हैं। राज्य की हमारी मांग राज्य पुनर्गठन कानून, 1965 से है और सरकार को हमारी मांग अवश्य मानना चाहिए। मारक ने कहा कि यदि सरकार तेलुगू भाषी लोगों को राज्य से तेलंगाना दे सकती है तो गारो से गोरखालैंड क्यों नहीं बना सकती। सरकार जब तक पृथक गोरखालैंड नहीं बना देती तब तक हम गारो शांति से नहीं बैठेंगे।

सरकार पर दबाव बनाने के लिए समिति 8 अगस्त को गारो घाटी के पांचों जिलों में पूर्णतया बंद की घोषणा कर चुकी है। बता दें सबसे पुराने क्षेत्रीय राजनीतिक दलों में से एक जीएनसी पिछले दो दशकों से गोरखालैंड बनाए जाने की मांग करता रहा है। 60 सदस्यों वाले राज्य सदन में इसका एक सदस्य है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, August 6, 2013, 19:35

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