Last Updated: Friday, August 30, 2013, 00:22
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बेंगलुरु : नेता शायद ही कभी सार्वजनिक रूप से स्वीकार करते हैं कि वे ईमानदार नहीं हैं और चुनाव लड़ने के लिए धन लेते हैं लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया आज उस समय कुछ अलग नजर आए जब उन्होंने कहा कि यदि मैं कहूं कि मैं शत प्रतिशत ईमानदार हूं तो यह अपने को ठगना होगा।
ऐसा नहीं है कि उन्होंने ऐसा कुछ कह दिया है जो लोगों को मालूम नहीं हैं । लेकिन एक कार्यक्रम में उनकी खुली स्वाकारोक्ति से उनकी जमकर सराहना हुई है। राष्ट्रीय नवनिर्माण वेदिके ने पूर्व मुख्यमंत्री रामकृष्ण हेगड़े की 87 जयंती के अवसर पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।
1980 के दशक में जनता पार्टी की सरकार के नेतृत्वकर्ता हेगड़े के मंत्रिमंडल में शामिल रहे सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘यह सच है कि राजनीतिक के मापदंडों में गिरावट आई है। हेगड़े के समय की राजनीति और अब की राजनीति में विशाल अंतर है। कांग्रेस सरकार की अगुवाई कर रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सच है कि आज आपको (राजनीति में) धनबल और बाहुबल की जरूरत पड़ती है।
मुख्यमंत्री के तौर पर 100 दिन पूरा कर चुके सिद्धरमैया ने कहा कि मैंने भी थोड़ा बहुत समझौता किया। यदि मैं कहूं कि मैं शत प्रतिशत ईमानदार हूं तो यह खुद को ठगना होगा। उन्होंने कहा कि लोग चुनाव के दौरान धन देते हैं। हमें पता नहीं चलता कि धन का स्रोत क्या है। हम स्वीकार करते हैं कि राजनीति प्रदूषित हो गयी है। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 30, 2013, 00:22