Last Updated: Thursday, November 24, 2011, 11:12
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार से पूछा कि यमुना नदी में कूड़ा करकट नहीं फेंकने और नदी को नाला बनने से रोकने के लिए पांच साल पहले दिए गए उसके आदेश को क्रियान्वित करने में असफल रहने पर क्यों न उसके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्रालय, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को अवमानना की एक याचिका पर नोटिस जारी कर सात फरवरी तक जवाब देने के लिए कहा है।
पर्यावरणविद विनोद जैन की अवमानना याचिका पर यह नोटिस जारी किया गया है । जैन ने अदालत का ध्यानाकर्षण वर्ष 2006 में दिए गए उसके उस आदेश की ओर दिलाया जिसमें अदालत ने सरकार को विभिन्न महोत्सवों के दौरान यमुना की सफाई सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली क्षरणीय प्लास्टिक बैग और कूड़ा (रोकथाम) संशोधन कानून प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए निर्देश दिया था।
उन्होंने कहा कि अप्रैल 2006 में अदालत ने सरकार और उसकी विभिन्न नागरिक एजेंसियों को निर्देश दिया था कि कानून के सभी प्रावधानों को लागू करें और विभिन्न महोत्सवों के दौरान मूर्तियों के विसर्जन के लिए नदी के किनारे एक घेरा बनाया जाए लेकिन इस दिशा में अब तक कोई काम नहीं हुआ है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 24, 2011, 16:42