Last Updated: Wednesday, February 29, 2012, 08:14
चेन्नई : केंद्र में सत्तारूढ़ संप्रग के एक मुख्य घटक द्रमुक ने आज कहा कि श्रीलंका पर युद्ध अपराध के आरोप हैं और जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में जारी सुनवाई में भारत को श्रीलंका का समर्थन नहीं करना चाहिए। द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि ने एक बयान में कहा है कि जब मतदान के लिए यूएनएचआरसी का प्रस्ताव लाया जाए तो भारत को किसी भी कीमत पर श्रीलंका का समर्थन नहीं करना चाहिए।
उन्होंने यह भी याद दिलाया है कि द्रमुक ने गत अप्रैल में अपनी एक उच्च स्तरीय समिति की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें कहा गया था कि कथित युद्ध अपराधों के लिए श्रीलंका के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए। प्रस्ताव का जिक्र करते हुए करूणानिधि ने कहा कि कथित अपराधों के षड्यंत्रकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और भारत सरकार को भी इस संबंध में प्रयास करने चाहिए।
द्रमुक नेता ने कहा कि श्रीलंका के मंत्री महिंदा समरसिंघा ने यह कहा है कि मतदान में भारत श्रीलंका का समर्थन करेगा।एमडीएमके के नेता वाइको ने कल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र लिख कर यूएनएचआरसी में भारत के कथित कदम को लेकर चिंता जताई थी। पीएमके नेता एस रामदास ने भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 29, 2012, 13:44