यूपी में NRHM में घोर वित्तीय अनियमितता: कैग

यूपी में NRHM में घोर वित्तीय अनियमितता: कैग

यूपी में NRHM में घोर वित्तीय अनियमितता: कैग
लखनऊ : भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (कैग) ने उत्तर प्रदेश में दो-दो मुख्य चिकित्साधिकारियों की हत्या की जांच के बाद प्रकाश में आये बड़े पैमाने पर घोटालों के लिए चर्चा में रही राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के क्रियान्वयन में हर स्तर पर घोर वित्तीय अनियमितता एवं कुप्रबंधन का खुलासा किया है।

विधानसभा में आज प्रस्तुत किए गए के प्रतिवेदन के अनुसार, प्रदेश में पहली अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2011 तक केंद्र सरकार से मिले 8657. 35 करोड़ रुपये के व्यय से संचालित एनआरएचएम के क्रियान्वयन में हर स्तर पर वित्तीय अनियमितता एवं कुप्रबंधन सामने आया है।

कैग ने कहा है कि एनआरएचएम के क्रियान्वयन में अनुश्रवण एवं मूल्यांकन की स्पष्टत: परिभाषित प्रणाली का प्राविधान था, लेकिन उत्तर प्रदेश में वास्तविक रुप से वह अस्तित्व में ही नहीं थी। कैग के प्रतिवेदन के अनुसार, लेखा परीक्षा में केंद्र सरकार से मिली धनराशि और स्टेट हेल्थ सोसाइटी (एसएचएस) द्वारा दर्शाई गई पावती (प्राप्ति रसीद) में 358.18 करोड़ रुपये का अंतर पाया गया है, जबकि सोसाइटी में व्यय के लिए वितरित और अग्रिम में दी गई 4938.48 करोड़ रुपये की धनराशि के लिए निर्धारित लेखा पुस्तिकाएं ही नहीं बनवाई और इस प्रकार 816.71 करोड़ के अग्रिम सहित लेखे में अंकित धनराशि की शुद्धता सुनिश्चित नहीं की गई थी।

प्रतिवेदन में कहा गया है कि इतना ही नहीं लेखे में भारत सरकार से मिली 1768.12 करोड़ रुपये की राशि को कहीं दिखाया ही नहीं गया है। कैग ने कहा है कि डाइरेक्टर जनरल नेशनल प्रोग्राम मानिटरिंग तथा इवैलुएशन :डीजीएनपीएमई: ने वर्ष 2005 से 2007 के बीच के 1277.06 करोड़ रुपये के वाषिर्क खातों से संबंधित अभिलेख ही प्रस्तुत नहीं किए। प्रतिवेदन में यह भी कहा गया है कि कार्यदायी संस्थाओं को धन सीधे अवमुक्त कराने के स्थान पर 1546.09 करोड़ रुपये डीजीएनपीएमई के नियंत्रण वाली कार्यक्रम प्रबंधन समिति (अपंजीकृत संस्था) के जरिये अवमुक्त किए गए, जो एनआरएचएम नियमावली का स्पष्ट उल्लंघन था।

कैग ने यह भी खुलासा किया है कि योजना के तहत करोड़ों रुपये की चिकित्सकीय एवं सामान्य सामग्री के खरीद के लिए खुली निविदा प्रक्रिया और एनआरएचएम नियमावली का पालन नहीं किया गया। कैग ने एनआरएचएम के तहत संचालित जननी सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम, स्वास्थ्य मेले के आयोजन और आपातकालीन यातायात सेवा के लिए एम्बुलेंस वाहनों की खरीद में भी बड़े पैमाने पर अनियमितता की बात कहीं है।

उन्होंने कहा है कि प्रदेश में एनआरएचएम के क्रियान्वयन में कुप्रबंधन की स्थिति ऐसी थी कि 2005-10 के बीच राज्य स्वास्थ्य मिशन की कोई बैठक ही नहीं हुई, जबकि 2005-11 के बीच राज्य स्वास्थ्य समिति के शासी निकाय की मात्र दो बैठकें हुई।

कैग ने स्पष्ट कहा है कि इस दौरान एनआरएचएम में आंतरिक लेखा परीक्षा पद्धति क्रियाशील नहीं थी और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के महानिदेशक तथा डीजीएनपीएमई के अधीन काम करने वाली लेखा परीक्षा ईकाइयां भी अभिलेखों की जांच नहीं कर रही थी। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, May 30, 2012, 21:14

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