Last Updated: Saturday, June 30, 2012, 23:23
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा ने आज लोकायुक्त और उप लोकायुक्त के कार्यकाल को घटाकर पांच साल करने के सिलसिले में उत्तर प्रदेश लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक 2012 के सिलसिले में राज्य विधान परिषद द्वारा की गयी संस्तुति को आज अस्वीकार कर दिया।
विधानसभा में यह विधेयक लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त के कार्यकाल को पांच साल करने की संस्तुति के साथ पेश किया गया, लेकिन यह सिफारिश स्वीकार नहीं की गयी है। विधेयक में लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त के कार्यकाल को छह साल से बढ़ाकर आठ वर्ष करने की बात कही गयी है। विधानसभा ने इस विधेयक को गत 18 जून को पारित कर दिया था।
गौरतलब है कि विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बहुमत वाले सदन विधान परिषद ने गत बुधवार को उत्तर प्रदेश लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक 2012 को इन पदाधिकारियों के कार्यकाल को घटाकर पांच साल करने की संस्तुति के साथ विधानसभा के पास भेज दिया था।
विधानसभा में पहले ही पारित हो चुके उत्तर प्रदेश राज्य लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक 2012 को विधान परिषद में सूबे के राजस्व मंत्री अम्बिका चौधरी ने पेश किया था।
सदन में बसपा तथा विपक्ष के नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश राज्य लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक 2012 जल्दबाजी में लाया गया है। इसमें कई खामियां हैं, लिहाजा इसे सिफारिश के साथ विधानसभा के पास वापस भेजा जाए। उसके बाद इस विधेयक को विधानसभा के पास वापस भेजने पर ध्वनिमत से निर्णय लिया गया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, June 30, 2012, 23:23