Last Updated: Wednesday, August 14, 2013, 23:20
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के सामने बेमन से स्वीकार किया कि राज्य में अवैध रेत खनन हो रहा है और गौतमबुद्ध नगर जिले में इसके लिए एक भी पर्यावरण मंजूरी नहीं दी गई।
उत्तर प्रदेश सरकार और इसके मुख्य सचिव की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि हमने (उत्तर प्रदेश सरकार ने) अभी तक किसी को नहीं पकड़ा है। उनका दबदबा है। हां यह (अवैध रेत खनन) हो रहा है।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने गौतमबुद्ध नगर के पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त को निर्देश दिया कि 29 अगस्त को पीठ के समक्ष निजी तौर पर पेश होकर इस बात का कारण बताएं कि अवैध रेत खनन को नहीं रोक पाने पर उन पर उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जाए।
पीठ ने कहा कि हमारे पास मौजूद दस्तावेजों से साफ है कि गौतमबुद्ध नगर में अंधाधुंध रेत खनन हो रहा है। हमने अपेक्षा की थी कि उपायुक्त और एसपी एनजीटी के 5 अगस्त के आदेश तथा उच्चतम न्यायालय के पहले दिए गए आदेश का पालन करेंगे लेकिन अफसोस कि दोनों ने ऐसा नहीं किया। अधिकरण ने कहा कि वे सुनवाई की अगली तारीख यानी 29 अगस्त को हमारे सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों। पीठ ने एक घंटे की सुनवाई के बाद अधिकरण के किसी वकील या जनता में से किसी भी आदमी को अवैध खनन करने वाले लोगों के नाम बताने की आजादी दी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 14, 2013, 23:20