Last Updated: Tuesday, May 29, 2012, 23:36
लखनऊ : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी विवेचना जारी रखते हुए लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) विनोद कुमार आर्या व डॉ. बीपी सिंह की हत्या के मामले में मंगलवार को विशेष अदालत में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया।
जांच एजेंसी के आरोपपत्र में शूटर आनंद प्रकाश तिवारी, रामकृष्ण वर्मा, विनोद शर्मा, विजय दुबे और डिप्टी सीएमओ वाई.एस.सचान का नाम है। आनंद प्रकाश तिवारी, रामकृष्ण वर्मा एवं विनोद शर्मा के विरुद्ध हत्या, हत्या का षड्यंत्र व अवैध हथियार रखने के आरोप हैं।
ज्ञात हो कि सचान जिला जेल में पिछले वर्ष 22 जून को संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। उन पर साजिश के तहत हत्या को अंजाम दिलाने का आरोप है। आरोपपत्र में इस बात का संकेत है कि पूर्व सीएमओ डा. ए.के. शुक्ला, शूटर सुधाकर पांडेय एवं अन्य अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध विवेचना जारी है। विवेचना के बाद अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाएगी।
इसी प्रकार बी.पी. सिंह हत्याकांड में सीबीआई ने आरोपपत्र में आनंद प्रकाश, रामकृष्ण वर्मा, विनोद शर्मा और वाई.एस.सचान को नामजद किया है। इन पर षड्यंत्र कर डॉ. सिंह की हत्या करवाने की बात कही गई है। सीबीआई ने कहा कि वैसे तो डा. सचान की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उनके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य हैं। आरोपपत्र में सीबीआई ने 50 गवाह बनाए और कहा कि अभी मामले में अन्य लोगों के विरुद्ध विवेचना जारी है, जिसके पूर्ण होने पर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाएगी।
सीएमओ (परिवार कल्याण) रह चुके विनोद आर्या की अक्टूबर 2010 को लखनऊ में सुबह की सैर के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी जगह पर तैनात किए गए बी.पी.सिंह की अप्रैल 2011 को ठीक उसी तरह गोमतीनगर इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 29, 2012, 23:36