Last Updated: Monday, August 6, 2012, 14:32

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने खनन लीज से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को राज्य उच्च न्यायालय से मिली अग्रिम जमानत को रद्द करने से इंकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर और न्यायमूर्ति इब्राहिम कलीफुल्ला की पीठ ने सीबीआई की ओर से येदियुरप्पा की अग्रिम जमानत को चुनौती देते हुए दायर की गई याचिका को आज खारिज कर दिया।
पीठ ने सीबीआई की पैरवी कर रहे अतिरिक्त सोलीशिटर जनरल मोहन परासरन से पूछा, ‘आप चाहते हैं कि इस व्यक्ति को अंदर किया जाए? किस लिए?’
देश की सबसे बड़ी अदालत ने परसारन की इस दलील को खारिज कर दिया कि येदियुरप्पा की अग्रिम जमानत को खारिज किया जाना चाहिए क्योंकि वह जांच में सीबीआई का सहयोग नहीं कर रहे हैं।
इस पर पीठ ने एएसजी से कहा, ‘अगर वह सहयोग नहीं करते हैं तो जाइए और उनकी जमानत को रद्द करने की मांग करिए।’ उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले में इतनी सहजता से दखल नहीं दे सकता क्योंकि यह सिर्फ मामले की गंभीरता और आरोपी की ओर से जमानत की शर्तों की अहवेलना की आशंका के मद्देनजर ही किया जा सकता है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बीते 21 जून को येदियुरप्पा और उनके परिवार के तीन सदस्यों को अवैध खनन के मामले में को अग्रिम जमानत दी थी।
इस मामले में येदियुरप्पा के अलावा उनके बेटे बी वाई राघवेंद्र और बी वाई विजेंद्र तथा दामाद आर एन सोहन कुमार को उच्च न्यायालय के फैसले से राहत मिली थी। इससे पहले 13 जून को सीबीआई की एक अदालत ने इनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 6, 2012, 14:32