Last Updated: Friday, July 6, 2012, 20:41
रांची: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को झारखण्ड लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में फर्जीवाड़े के तथ्य मिले हैं, जिसके आधार पर उसने पांच मामले दर्ज किए हैं। ये मामले प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों, व्याख्याताओं तथा चिकित्सकों की नियुक्ति में अनियमितताओं के हैं।
झारखण्ड लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं को लेकर पांच मामले दर्ज किए गए हैं। नियुक्ति में अनियमितता को लेकर आयोग के पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, इसके सदस्यों और वर्ष 2006-2007 के दौरान आयोग की दूसरी परीक्षा के जरिये नियुक्त होने वाले 19 प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए गए हैं।
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखण्ड उच्च न्यायालय ने इस साल जून में सीबीआई को आयोग के गठन से लेकर अब तक इसके द्वारा आयोजित परीक्षाओं की जांच करने के आदेश दिए थे। झारखण्ड लोक सेवा आयोग ने अब तक प्रशासनिक अधिकारियों के लिए तीन, व्याख्याताओं तथा चिकित्सकों के लिए एक-एक परीक्षा का आयोजन किया।
आयोग की दूसरी परीक्षा के नतीजों के बाद असफल उम्मीदवारों ने प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति में अनियमितता का मामला उठाया था। राज्य सरकार ने वर्ष 2009 में इस मामले की जांच राज्य सतर्कता आयोग को सौंप दी थी। सतर्कता आयोग की जांच के आधार पर वर्ष 2010 में 39 अधिकारियों को निलम्बित कर दिया गया था। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 6, 2012, 20:41