Last Updated: Tuesday, April 2, 2013, 09:34

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि जब तक राजनेता और व्यवसायी खेल संघों पर हावी रहेंगे तब तक खेल का भला नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि खेल संघों को खिलाड़ियों के हवाले किया जाना चाहिए।
बिहार विधानसभा में पेश ‘बिहार खेलकूद (खेलकूद संगमों का निबंधन, मान्यता एवं विनियमन) विधेयक 2013’ का विरोध करते हुए प्रतिपक्ष के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी द्वारा सदन में उसकी प्रति फाड़े जाने पर नीतीश ने कहा कि सरकार की ओर से वे तमाम खेल संघों एवं प्रेमियों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि इस विधेयक का मकसद उनके कार्यो में अनावश्यक हस्तक्षेप या उनको अपने नियंत्रण में लेना नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य खेल गतिविधियों में सहयोग करना है।
इस विधेयक पर सरकार की ओर से कला, संस्कृति एवं युवा मंत्री सुखदा पांडेय द्वारा दिए जा रहे जवाब के दौरान नीतीश ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि जब वे गांव या अन्य जगहों पर जाते हैं तो युवा वर्ग खेल के मैदान और स्टेडियम की मांग करते हैं।
नीतीश ने कहा कि जिस प्रकार से युवा वर्ग में खेलों को लेकर दिलचस्पी बढी है उसे देखते हुए बिहार की साढ़े दस करोड आबादी होने के बावजूद राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर राज्य इतनी संख्या में राष्ट्रीय औसत के अनुसार खिलाड़ी नहीं दे पा रहा है।
बिहार के किकेट्र सहित अन्य खेल संघों के बीच जारी विवाद की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि खेल संघों को खिलाड़ियों के हवाले किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘जबतक राजनेता और व्यवसायी खेल संघों पर हावी रहेंगे तबतक खेल का भला नहीं होने वाला है। जिन्हें किक्रेट से मतलब नहीं है, जिन्होंने गेंद और बल्ला नहीं पकड़ा है, वो लोग किक्रेट संघों के चेयरमैन बनना चाहते हैं। ’’ उन्होंने कहा कि कानून यही कहता है कि संघ को लोकतांत्रिक तरीके से चलाया जाना चाहिए और इस विधेयक का मकसद है कि खेल संघ ठीक ढंग से चलें, चुनाव कराएं तथा ऑडिट करायें।
नीतिश ने राज्य सरकार द्वारा खेलों पर खर्च की जा रही धनराशि का जिक्र करते हुए कहा कि पटना के कंकडबाग में पाटलीपुत्र खेल परिसर का निर्माण किया गया है और वे यहां स्थित मोईनुलहक स्टेडियम को हर प्रकार से क्रिकेट के लिए उपयुक्त बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार खेल-कूद को बढावा देने के लिए जब इन चीजों पर धन राशि खर्च करना चाहती है तो हम यही चाहेंगे कि खेल का आयोजन करने वाले संघ व्यवस्थित ढंग से चलें और सरकार को भी उनकी सहायता करने में कोई दिक्कत न हो।’’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 2, 2013, 09:34