Last Updated: Sunday, May 6, 2012, 04:45
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसीजयपुर/नई दिल्ली : भाजपा की राजस्थान इकाई में कलह आज तेज हो गया। पार्टी की नाराज नेता वसुंधरा राजे के इस्तीफा देने के बाद उनके वफादार 56 विधायकों ने इस्तीफे की पेशकश की, वहीं पार्टी ने संकट को बहुत ज्यादा तवज्जो न देते हुए उन्हें शांत करने का प्रयास किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और अरूण जेटली ने राजे से फोन पर बातचीत करके संकट को शांत करने की कोशिश की। एक दिन पहले राजे ने पार्टी छोड़ने की धमकी दी थी।
विधानसभा में विपक्ष की नेता के एक करीबी सहायक ने कहा कि राजे के समर्थन में 200 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 79 में से 56 विधायकों ने इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि और विधायक राजे के समर्थन में आएंगे। कोर कमेटी की बैठक में राजे ने भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया की राज्य में प्रस्तावित ‘लोक जागरण यात्रा’ पर आपत्ति जताते हुए पार्टी छोड़ने की धमकी दी थी। कटारिया अपनी इस यात्रा के जरिए वस्तुत: खुद को पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश करना चाहते हैं। कटारिया ने बाद में अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला किया।
राजे के समर्थकों ने यह भी मांग की कि पार्टी राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करे। दिल्ली में भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संकट को बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश करते हुए कहा कि राजे राज्य में पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और मुद्दे का आंतरिक तौर पर समाधान कर लिया जाएगा। प्रसाद ने कहा, ‘उन्होंने (राजे ने) पहले ही घोषणा की है कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और उसका समाधान भी आंतरिक तौर पर किया जा रहा है।’ इस बात की अटकलें थीं कि वह पार्टी नेतृत्व से बातचीत करने के लिए दिल्ली जा सकती हैं। हालांकि, यह पूछे जाने पर कि क्या राजे को दिल्ली तलब किया गया है तो प्रसाद ने साफ तौर पर इस सवाल का ना में जवाब दिया। राज्य इकाई में संकट के मुद्दे पर उन्होंने माना, ‘नेताओं के बीच धारणा में अंतर हो सकता है, जिसका समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है।’
सूत्रों ने बताया कि गडकरी ने राजे और कटारिया दोनों से कल बातचीत की थी और चाहते थे कि पार्टी की राजस्थान कोर कमेटी के भीतर ही मामले का समाधान हो जाए। झारखंड में राज्यसभा सीट हारने, राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर हामिद अंसारी के खिलाफ पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज के बयान को लेकर हुई किरकिरी और कर्नाटक में नेतृत्व की समस्या के मद्देनजर भाजपा नहीं चाहती कि उसकी छवि को और नुकसान हो। पार्टी ने आज इस बात का खंडन किया कि पार्टी की राज्य इकाई में कोई दरार है और ‘राजे के छोड़ने का कोई सवाल’ नहीं है। पार्टी नेता बलबीर पुंज ने कहा, ‘आप मतभेद को दरार नहीं कह सकते। किसी लोकतांत्रिक पार्टी में किसी खास स्थिति पर लोगों की अपनी धारणा हो सकती है। वसुंधरा बेहद सम्मानित और पार्टी की वरिष्ठ नेता है और दरार जैसी कोई चीज नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा एक है और वह राजस्थान में एकजुट होकर कांग्रेस का सामना करेगी। वसुंधरा के पार्टी छोड़ने का कोई सवाल नहीं उठता।’
भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘वसुंधरा राजे भाजपा की एक वरिष्ठ नेता हैं। वह जननेता भी हैं। पार्टी के भीतर कोई टकराव नहीं है। वह राजस्थान में एकजुट है।’ संकट को बहुत ज्यादा महत्व न देते हुए उन्होंने कहा, ‘लोकतांत्रिक पार्टी में इस तरह की मामूली चर्चा पार्टी मंच पर होती रहती है। ये चर्चाएं पार्टी के भीतर दरार का संकेत नहीं देती हैं।’ राजे ने अपनी तरफ से कहा, ‘यह हमारी पार्टी का आंतरिक मामला है और हम इसका समाधान कर लेंगे।’
First Published: Monday, May 7, 2012, 11:30