`रेप गेम्स` पर पाबंदी लगाने की मांग

`रेप गेम्स` पर पाबंदी लगाने की मांग

कोलकाता: पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग (डब्ल्यूएचआरसी) ने इंटरनेट पर जापानी वीडियो गेम `रेप गेम्स` पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुझाव मांगे हैं, जिसमें खिलाड़ी को महिला का बलात्कार करने की चुनौती दी जाती है। आयोग के संयुक्त सचिव सुजय कुमार हल्दर ने कहा कि आयोग ने इस मामले को लेकर गंभीर चिंता जताई है, क्योंकि इस तरह की रिपोर्ट मिल रही है कि बच्चे, खासकर किशोरों को रेप-गेम्स की लत है।

उन्होंने कहा कि हमने राज्य के गृह सचिव से इस पर चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है कि इस तरह के ऑनलाइन खेलों पर सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत किस प्रकार प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

आयोग ने विभिन्न शिशु मनोरोग विशेषज्ञों द्वारा इस वीडियो गेम को लेकर चिंता जताए जाने और इसे प्रतिबंधित करने की मांग के बाद इस पर स्वत: संज्ञान लिया है।

थ्रीडी वीडियो गेम `रेपले` जापान की कम्पनी `इल्युजन` द्वारा 2006 में बनाया गया था, जिसमें एक पुरुष महिला एवं उसकी दो बेटियों के साथ दुष्कर्म करता है।

यह गेम अर्जेटीना, मलेशिया एवं थाइलैंड सहित कई देशों में प्रतिबंधित है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक वकील के मुताबिक, राज्य सरकार के पास सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 की धारा 67 के तहत इस पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, February 21, 2013, 16:23

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