Last Updated: Wednesday, November 23, 2011, 14:10

पटना : युवाओं के बीच लवगुरु के रूप में लोकप्रिय हिंदी के प्रोफेसर मटुकनाथ चौधरी ने लंबे समय से चला आ रहे बर्खास्तगी के वनवास के बाद बुद्धवार को बीएन कालेज में अध्यापन का काम फिर शुरू किया।
राजभवन की ओर से मंगलवार की रात उनकी बर्खास्तगी समाप्त होने के साथ आमरण अनशन पर बैठे मटुकनाथ को राहत मिली। पटना विश्वविद्यालय की ओर से जुलाई 2006 में निलंबित और 2009 में बर्खास्तगी के बाद वह बीते पांच साल से अध्यापन जगत में वनवास झेल रहे थे।
मटुकनाथ ने कहा, न्याय के लिए लंबे संघर्ष में मुझे सफलता मिल गई है। बहुत प्रसन्नता हो रही है। मैं संघर्ष के दिनों में साथ देने वाले अपने साथियों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। अपनी छात्रा जूली के साथ प्रेम प्रसंग के कारण वर्ष 2006 में सुखिर्यों में आने वाले हिंदी के प्रोफेसर को बाद में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अभद्रता और कदाचार के आरोप में पटना विश्वविद्यालय ने उन्हें निलंबित कर दिया और बाद में बर्खास्त कर दिया।
उन्होंने कहा, बीएन कॉलेज के लोगों ने बड़ी गर्मजोशी के साथ मेरा स्वागत किया। सेवा बर्खास्तगी और मेरे खिलाफ चले अभियान के लिए किसी के प्रति मेरे मन में कोई दुर्भावना नहीं है। मुझे हमेशा से भरोसा था कि एक दिन मुझे न्याय मिलेगा। अपनी बर्खास्तगी को प्रोफेसर ने पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
इस वर्ष 24 जनवरी को पटना हाईकोर्ट ने मटुकनाथ के मामले को कुलाधिपति सह राज्यपाल के पास भेज दिया था। 27 मई 2011 को कुलाधिपति ने पटना विश्वविद्यालय को मटुकनाथ के खिलाफ की कार्रवाई के लिए फटकार लगाई थी लेकिन उनका मामला विचारार्थ था। अंतत: मंगलवार को उनके पक्ष में फैसला आया। अपने हक की लड़ाई में मटुकनाथ ने कई बार अनशन और धरना कार्यक्रम किया। इसमें कई बुद्धिजीवियों ने उनका साथ दिया।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 23, 2011, 19:40