लोकसेवा अधिकार कानून से लोगों की आस - Zee News हिंदी

लोकसेवा अधिकार कानून से लोगों की आस

एजेंसी. बिहार सरकार द्वारा प्रशासन सुधार में लागू किया गया लोक सेवा अधिकार अधिनियम अब अपना असर दिखाने लगा है. इसे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सरकार की तरफ से जनता को तोहफे के रूप में दिया गया था.

 

अब इससे लोगों को उम्मीद है कि राज्य में सलाना लगभग 200 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी पर लगाम लग सकेगा. इस कानून के तहत 15 दिनों के भीतर ही आठ लाख लोगों ने आवेदन किया है, जबकि एक लाख लोग इसका लाभ उठा चुके है.

 

बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के मुताबिक इस अधिनियम में तत्काल सेवा का प्रावधान है. सामान्य प्रशासन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस सेवा का मुख्य उद्देश्य सेवा के लिए लम्बे इंतजार से लोगों को राहत दिलाना है. वह ये भी मानते हैं कि इसके लिए जितनी आधारभूत संरचना की आवश्यकता है, उतनी है नहीं.

 

देश में जहां भ्रष्टाचार मिटाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है, वहीं राज्य में इस अधिनियम के जरिए भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का प्रयास किया जा रहा है. बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन के अधिकारियों का दावा है कि अगले सप्ताह कम से कम तीन लाख लोगों को सेवा का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा.

 

अधिकारियों के अनुसार 31 अगस्त तक सर्वाधिक 50,000 आवासीय प्रमाण पत्र निर्गत किए गए हैं. लगभग 10,000 जाति प्रमाणपत्र और करीब इतने ही आय प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं. अधिकारियों के अनुसार पुलिस विभाग ने भी चरित्र प्रमाणपत्र और पासपोर्ट सत्यापन के लगभग 7,000 आवेदनों का निपटारा किया है. कुछ अधिकारियों ने कहा है कि आधारभूत संरचना की कमी के कारण काम करने में दिक्कतें आ रही हैं.

 

सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार कहते हैं कि लोकसेवा अधिकार अधिनियम में तत्काल सेवा लागू करने का प्रावधान है. कुमार बताते हैं कि इस अधिनियम से ऐसे मध्यम दर्जे के लोगों को काफी लाभ मिल रहा है, जो नौकरशाही की चक्की में पिस रहे थे. कुमार ने कहा कि इस सेवा की अगली कड़ी में ऑनलाइन आवेदन और उसके ऑनलाइन निष्पादन का बंदोबस्त किया जाएगा. इस प्रक्रिया के तहत राज्य के सभी 8,442 ग्राम पंचायतों में आधारभूत संरचना विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

 

गौरतलब है कि इस अधिनियम के प्रथम चरण के तहत 10 विभागों में 50 तरह की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. उन्होंने बताया कि सभी जिला मुख्यालयों में इस अधिनियम के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए 'मे आई हेल्प यू' काउंटर खोले गए हैं.

 

इस सेवा की प्राप्ति के लिए आवेदन करने के बाद एक पावती रसीद दी जा रही है. इस रसीद पर आवेदन पत्र संख्या भी अंकित होती है. इसकी स्थिति रपट भी एसएमएस के जरिए लोगों को दी जा रही है. इससे लोगों को कार्यालय के चक्कर काटने से मुक्ति मिल रही है.

राज्य में इस सेवा के लिए 1,948 अधिकारियों और कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस अधिनियम में सेवा प्राप्ति के लिए सात से तीस दिनों का समय निर्धारित है. नियत समय पर सेवा नहीं मिलने पर अधिकारी के खिलाफ शिकायत की जा सकती है. दोषी पाए जाने पर प्रतिदिन के हिसाब से अधिकारी से 250 रुपए और अधिकतम 5,000 रुपए वसूले जाएंगे.

First Published: Sunday, September 4, 2011, 12:52

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