Last Updated: Thursday, January 19, 2012, 08:05
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : लोकायुक्त की नियुक्ति पर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। गुजरात के लोकायुक्त के रूप में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आरए मेहता की नियुक्ति को वैध ठहराने के राज्य हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को मेहता की नियुक्ति को वैध ठहराया था। उन्हें 26 अगस्त, 2011 को राज्यपाल कमला बेनीवाल ने लोकायुक्त नियुक्त किया था।
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हाईकोर्ट में मेहता की नियुक्ति को इस आधार पर चुनौती दी थी कि राज्यपाल ने इस मामले में उससे परामर्श नहीं लिया।
इससे पहले, गुजरात सरकार ने बुधवार को कहा था कि वह विधि विशेषज्ञों से विचार-विमर्श के बाद राज्यपाल द्वारा लोकायुक्त की नियुक्ति को बरकरार रखने संबंधी हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की राज्यपाल के फैसले को चुनौती वाली याचिका को खारिज करते हुए लोकायुक्त की नियुक्ति को बरकरार रखा।
गुजरात सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री जयनारायण व्यास ने कहा कि हम हाईकोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हैं। लेकिन हम अपने पक्ष पर कायम हैं और विधि विशेषज्ञों से सलाह मशविरे के बाद सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती देंगे।
व्यास ने कहा कि हमने हाईकोर्ट में अपनी याचिका में दो बिंदुओं को उठाया था। पहला यह कि मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायाधीश के बीच सलाह-मशविरे की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है और मुख्यमंत्री ने मुद्दे पर मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि दूसरा बिन्दु यह कि यह मुद्दा संवैधानिक प्रावधानों से ताल्लुक रखता है। अगर राज्यपाल को संवैधानिक प्रावधानों से बाहर काम करने की इजाजत मिलती है तो राज्य सरकार के लिये काम करना काफी कठिन होगा।
व्यास ने कहा कि संघीय ढांचे की रक्षा के लिए हाईकोर्ट में हमारी याचिका मौलिक थी और भारत के संविधन के प्रावधानों पर केन्द्रित थी, क्योंकि राज्यपाल का यह फैसला राज्यपाल के पद पर संविधान द्वारा लगायी गयी पाबंदियों को दरकिनार कर सकता है।
First Published: Friday, January 20, 2012, 10:10