विरोध के बावजूद जेएसपीएल को मिला कोल ब्लॉक

विरोध के बावजूद जेएसपीएल को मिला कोल ब्लॉक

ज़ी न्यूज ब्यूरो

खमरिया (रायगढ़) : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के गारे में जिंदल स्टील एवं पावर लिमिटेड के कोयला खदान आवंटन का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं। इतना ही नहीं लोगों को खदेड़-खदेड़ का पीटा। लोग जेएसपीएल को गलत तरीके से कोल ब्लॉक आवंटन का विरोध करने के लिए खमरिया गांव में इकट्ठा हुए थे। लोगों की राय से जेएसपीएल को को इस प्रोजेक्ट के लिए हरी झंडी मिलनी थी। कंपनी ने जैसे ही अपना पक्ष रखा, लोग आगबबूला हो गए। उसके बाद लोगों पर पुलिसिया डंडे बरसाए गए। इसके बावजूद जेएसपीएल को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने मंजूरी दी।

विरोध के बावजूद स्थानीय प्रशासन ने जनसुनवाई को पूरा मान लिया और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड यानी सीईसीबी ने गारे कोल माइनिंग प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी। बोर्ड की रिपोर्ट और इस जनसुनवाई की सीडी भारत सरकार के वन और पर्यावरण मंत्रालय को भेज दी गई। मंत्रालय ने अधिकारियों की रिपोर्ट तो देखी, पर सीडी नहीं देखी।

जेएसपीएल को कोल ब्लॉक आवंटन का विरोध कर रहे लोगों के पास इस अन्याय के खिलाफ विरोध करने का एक ही रास्ता बचा था। ये लोग अपनी फरयाद लेकर नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल का दरवाजा खटखटाया। यहां सभी पक्षों की सुनवाई हुई। तमाम दस्तावेज की जांच हुई। तस्वीरें देखी गई। पांच जनवरी 2008 की जनसुनवाई का वीडियो देखने के बाद दूध का दुध पानी का पानी हो गया। ट्रिब्यूनल ने इस साल 20 अप्रैल को अपना फैसला सुनाया। इसके बाद ट्रिब्यूनल ने कहा, हमें बहुत हैरानी है कि 5 जनवरी 2008 की जनसुनवाई एक छलावा है,यह जनसुनवाई का मजाक है। साथ ही ट्रिब्यूनल ने कहा, जिन प्रक्रियाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए था, उसे नजरअंदाज किया गया। ट्रिब्यूनल ने जिला प्रशासन को दूसरी जनसुनवाई का आदेश दिया, जो आज तक नहीं हुई।

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने जरूरी प्रक्रियाओं को नजरअंदाज किया और जेएसपीएल के गारे कोल माइनिंग प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी।

First Published: Tuesday, October 23, 2012, 22:44

comments powered by Disqus