Last Updated: Wednesday, September 25, 2013, 20:59
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के मंत्रियों को सेना की ओर से धन दिए जाने की पूर्व सैन्य प्रमुख वीके सिंह की टिप्पणी पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि केन्द्र सरकार को इसकी गहन जांच करानी चाहिए क्योंकि सिंह के आरोपों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
अब्दुल्ला ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘मुख्यधारा के राजनीतिज्ञों के बहुमत का सेना के साथ कोई वित्तीय लेनदेन नहीं है। इसलिए, उनका (जनरल सिंह का) यह आरोप कि 1947 से सभी मंत्रियों को सेना ने धन दिया है, मैं समझता हूं कि यह अहम है कि भारत सरकार बारीकी से जांच कराए और जो भी निष्कर्ष हों उसे हमारे साथ साझा किया जाना चाहिए।’ उमर ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि भारत सरकार को इसमें पाक-साफ निकलने की जरूरत है। अन्यथा, आज मुख्यधारा की सभी पार्टियों को शक की निगाह से देखा जा रहा है।’
शुक्रवार को मीडिया की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि वीके सिंह की ओर से स्थापित खुफिया इकाई ‘टेक्निकल सर्विस डिवीजन’ ने 2010 में जम्मू-कश्मीर सरकार को गिराने के लिए राज्य के कृषि मंत्री गुलाम हसन मीर को कथित रूप से एक करोड़ 19 लाख रुपये अदा किए थे। इस रिपोर्ट ने गहरा विवाद खड़ा कर दिया। मुख्यमंत्री की इस क्रम में यह पहली टिप्पणी है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 25, 2013, 20:59