Last Updated: Tuesday, August 21, 2012, 20:52
इंदौर : विशेष सीबीआई अदालत ने आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद के हत्याकांड के पांच आरोपियों में शामिल सबा फारुकी की जमानत अर्जी मंगलवार को खारिज कर दी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश अनुपम श्रीवास्तव ने सबा की जमानत के पक्ष में पेश दलीलों से असहमत होते हुए कहा कि मामले की परिस्थितियों और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए फिलहाल उसे जमानत पर नहीं छोड़ा जा सकता।
अदालत ने सबा की तिल्ली की बीमारी के मद्देनजर कहा कि इस रोग के आधार पर जमानत की गुहार के साथ पेश चिकित्सकीय दस्तावेजों से किसी किस्म की ‘आकस्मिकता’ या ‘गंभीरता’ सामने नहीं आई है। वहीं आरोपी के उचित इलाज और जरूरी कार्यवाही के लिये जेल अधीक्षक को पहले ही निर्देशित किया जा चुका है।
सबा के वकील ने अपनी मुवक्किल की जमानत अर्जी पर बहस के दौरान उसके खिलाफ सीबीआई के जमा किये गये सबूतों पर सवाल उठाये थे। इसके साथ ही, उसकी तिल्ली की बीमारी को गंभीर बताते हुए उसे जमानत का लाभ दिये जाने की गुहार की थी। उधर, सीबीआई के वकील ने सबा को मामले के मौजूदा पड़ाव पर जमानत दिये जाने का विरोध किया था। अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा था कि इस आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और जेल से बाहर निकलने पर वह प्रकरण के अन्य साक्ष्यों को प्रभावित कर सकती है।
शहला हत्याकांड में दो मार्च को गिरफ्तार सबा मामले की मुख्य आरोपी जाहिदा परवेज की राजदार सहेली है। विशेष सीबीआई अदालत में जाहिदा की ओर से भी जमानत जमानत अर्जी दायर की गई है, जिस पर बहस के लिये 23 अगस्त की तारीख तय की गई है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 21, 2012, 20:52