Last Updated: Saturday, July 21, 2012, 18:20

इंदौर : आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद हत्याकांड के सभी पांच मुलजिमों के खिलाफ आज यहां विशेष सीबीआई अदालत में आरोप तय कर दिये गये। लेकिन आरोपियों ने इन इल्जामों को स्वीकार करने से इंकार कर दिया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिये एक अगस्त की तारीख तय की है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश अनुपम श्रीवास्तव की अदालत में शहला हत्याकांड की कथित प्रमुख षड़यंत्रकारी जाहिदा परवेज के खिलाफ भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और धारा 120-बी (आपराधिक षड़यंत्र) के तहत आरोप तय किये गये।
भोपाल की इस इंटीरियर डिजाइनर पर आरोप है कि उसने हत्याकांड की साजिश सौतिया डाह के चलते रची, क्योंकि आरटीआई कार्यकर्ता की नजदीकियां भाजपा विधायक ध्रुवनारायण सिंह से लगातार बढ़ती जा रही थीं। कथित साजिश के तहत शहला की उनके भोपाल स्थित घर के बाहर 16 अगस्त 2011 को गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
जाहिदा की राजदार सहेली सबा फारुकी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और धारा 120.बी के साथ धारा 201 (जुर्म का सबूत मिटाना या मुजरिम को बचाने के लिये गलत जानकारी देना) के तहत आरोप तय किये गये।
भाड़े के कथित हत्यारों इरफान अली और ताबिश खान के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 सहपठित धारा 34, धारा 120-बी और हथियार कानून की संबद्ध धाराओं के तहत आरोप तय किये गये।
भाड़े के हत्यारों का इंतजाम करने के मुलजिम साकिब अली उर्फ ‘डेंजर’ के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, सहपठित धारा 34, धारा 120-बी, धारा 201 और हथियार कानून की संबद्ध धाराओं के तहत आरोप तय किये गये।
बहरहाल, जब शहला हत्याकांड के पांचों मुलजिमों को अदालत में उनके खिलाफ तय इल्जामों के मुताबिक आरोप पत्र पढ़कर सुनाया और समझाया गया, तो उन्होंने कोई अपराध करने से इंकार कर दिया।
अदालत ने अभियोजन पक्ष को आदेश दिया कि अगर वह इन मुलजिमों के खिलाफ तय आरोपों के पक्ष में अतिरिक्त दस्तावेज, सामग्री और रासायनिक परीक्षण की कोई रिपोर्ट पेश करना चाहता है, तो अगली तारीख से पहले प्रस्तुत करे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, July 21, 2012, 18:20