Last Updated: Friday, March 15, 2013, 22:53
मांड्या (कर्नाटक) : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में बुधवार को हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान एन. सतीश की शव-यात्रा में सतीश की तस्वीर की जगह उनके भाई की तस्वीर लगाये जाने और एक अस्पताल द्वारा शहीद का शव रखे जाने से मना करने को लेकर शहीद के परिजन में गुस्सा पनपा।
सतीश की शव-यात्रा यहां से उनके गांव आलमबाड़ी के लिए रवाना हुई। इससे पहले शहीद जवान के शव को जनता के दर्शन के लिए यहां रखा गया था। शव-यात्रा शुरू होने से पहले ही सतीश की जगह उनके भाई की तस्वीर रखे जाने की गलती का पता चल गया। इस गलती के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों और शहीद जवान के परिवार ने एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ा।
सतीश के रिश्तेदारों ने दिवंगत जवान की जगह उसके भाई की तस्वीर देखकर गुस्से का इजहार किया। सतीश का भाई भी सीआरपीएफ में ही मध्य प्रदेश में सेवाएं दे रहा है। मांड्या के उपायुक्त बी एन कृष्णया ने कहा कि तस्वीर सतीश के परिवार ने ही दी थी और जिला प्रशासन की ओर से कोई चूक नहीं हुई है। जब शव-यात्रा शुरू होने वाली थी तो सतीश की तस्वीर लायी गयी।
हैरत में डालने वाली एक और घटना के तहत यहां के एक निजी अस्पताल ने आज तड़के बेंगलुरु से लाए गए सतीश के पार्थिव शरीर को सुबह तीन बजे से सुबह छह बजे तक शीत शव गृह में रखने से इंकार कर दिया था। इस घटना पर कर्नाटक सरकार में मंत्री ए रामदास ने कहा कि अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रामदास कैबिनेट में अपने सहकर्मी सुरेश कुमार के साथ शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने आए थे। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 15, 2013, 22:53