शांतिनिकेतन में छात्रा को पेशाब पीने की सजा

शांतिनिकेतन में छात्रा को पेशाब पीने की सजा

कोलकाता : विश्व भारती के पाथा भवन स्कूल में पांचवीं कक्षा की एक छात्रा को बिस्तर गीला करने के सजा के तौर पर उसे कथित तौर अपनी ही पेशाब पीने के लिए बाध्य किया गया। इस घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

उधर, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने इस घटना को `बर्बर` करार दिया है। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने बताया, हमें शिकायत मिली है कि पाथा भवन की कक्षा पांच की छात्रावास में रहने वाली एक छात्रा को नींद में बिस्तर पर पेशाब करने के लिए सजा के तौर पर उसे अपनी ही पेशाब पिलाई गई। इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति की अध्यक्षता छात्र कल्याण संकाय की पूर्व डीन अरुणा मुखर्जी कर रही हैं। समिति अपनी जांच रिपोर्ट विश्वविद्यालय के कुलपति को देगी।

घटना शनिवार रात की है, जब काराबी छात्रावास की वार्डन उमा पोद्दार ने औचक निरीक्षण के दौरान पुनीता को बिस्तर गीला करने का दोषी पाया। आरोप है कि इसके बाद उसने पांचवीं की छात्रा पुनीता को सजा के तौर पर जबरन उसकी पेशाब पिलाई।

बताया जाता है कि बच्ची ने यह बात अपनी मां को बताई, जिसके बाद उसके अभिभावक तथा कई अन्य लोगों ने छात्रावास परिसर में पहुंचकर वार्डन के साथ बदसलूकी की।

लड़की की मां ने पोद्दार के खिलाफ बीरभूम जिले के बोलपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से इसकी रिपोर्ट मांगी है।

बाल आयोग ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे बर्बर कहा। आयोग की प्रमुख शांता सिन्हा ने रविवार को कहा, यह पूरी तरह से बर्बर है। यहां तक कि कोई जानवर भी ऐसा नहीं कर सकता। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जल्द से जल्द दोषी दंडित हो।

विश्व भारती की स्थापना गुरुदेव रबिंद्र नाथ टैगोर ने की थी। (एजेंसी)

First Published: Sunday, July 8, 2012, 23:41

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