Last Updated: Wednesday, November 9, 2011, 12:27

हरिद्वार : उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में चल रहे गायत्री महाकुंभ में मंगलवार को भगदड़ मचने के बाद प्रशासन द्वारा दिए गए अल्टीमेटम के अनुरुप गायत्री महाकुंभ बुद्धवार को शांति यज्ञ के साथ समाप्त हो गया। इस बीच देर रात इस भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई। गायत्री महाकुंभ में समापन के मौके पर मृतकों को श्रद्धांजलि देने के बाद लालजी वाला और रोडीबेलवाला क्षेत्र से प्रदर्शनियां और तंबू हटाने का काम शुरू कर दिया गया।
हरिद्वार में गुरुवार होने वाले कार्तिक पूर्णिमा स्नान की वजह से श्रद्धालुओं की भीड़ यहां पहुंचना शुरू हो गई है जिसको देखते हुए सुबह सात बजे ही प्रशासन ने शांतिकुंज को एक घंटे के भीतर रोडीबेलवाला प्रदर्शनी क्षेत्र खाली कर देने के आदेश दिए। लाउड स्पीकर के जरिए श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य की ओर लौट जाने तथा आवास एवं भोजन व्यवस्था स्थगित कर दिए जाने की सूचनायें प्रसारित की गई। घटनास्थल और रोडीबेलवाला क्षेत्र को पुलिस और प्रशासन ने पूरी तरह अपने कब्जे में ले लिया।
एसडीएम हरबीर सिंह ने खुद पुलिस अधिकारियों समेत मौके पर मौजूद रहकर प्रदर्शनकारियों और तंबुओं को हटवाकर मेला क्षेत्र खाली करवाने की कार्रवाई की। सुबह शांतियज्ञ के बाद से ही पूरे लालजीवाला में सन्नाटा पसर गया। सुबह लोग मैदान में अपनी छूटी चीजों को ढूढते नजर आए।
आज का दिन गायत्री परिवार के लिए विशिष्ट आयोजन का दिन था जिसमें शिरकत के लिए बड़ी संख्या में लोग आने वाले थे। यज्ञशाला के चारों ओर बने कई अनुदान केंद्र, पुस्तक, सीडी और अन्य कई तरह के बिक्री स्टॉल खाली पड़े हैं जो घटना की त्रासदी बयान कर रहे । बड़ी संख्या में लोगों के घर लौटने से रेलवे स्टेशन, बस अड्डे सभी जगह भारी भीड़ से अव्यवस्था का माहौल रहा। कार्तिक पूर्णिमा पर आने वालों की भीड़ और शांतिकुंज की वापस लौटते लोगों की वजह से यातायात व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
एसडीएम हरबीर सिंह ने कहा, हमें यह अतिसंवेदनशील और महत्वपूर्ण क्षेत्र हर कीमत पर तुरंत खाली चाहिए, जिसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि शांतिकुंज के कार्यक्रम के दौरान एक आश्रम में मची भगदड़ से मरने वालों की संख्या देर रात बढ़कर 20 हो गई।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 10, 2011, 11:59