Last Updated: Saturday, July 7, 2012, 19:28
मधेपुरा : बिहार के मधेपुरा जिले में शंकरपुर प्रखंड अंतर्गत निशिहरपुर गांव में स्थित करीब 300 वर्ष पुराने मंदिर के शिवलिंग के लगातार धंसने के कारण गांव के लोग बहुत चिंतित हैं।
बाढ प्रभावित रहने वाले इस प्रखंड के लोगों के लिए शिवलिंग का लगातार अंदर जाना चिंता का विषय बना हुआ है। बीते 50 वर्ष से इस मंदिर के पुजारी भुवनेश्वर राजभर ने बताया, मंदिर के शिवलिंग का केवल एक इंच हिस्सा बाहर है। शेष भाग अंदर चला गया है। लोगों को भय है कि शिवलिंग पाताल में जा रहा है।
उन्होंने बताया, बीते चार पांच साल से शिवलिंग अंदर जा रहा है। कुछ असामाजिक लोग मंदिर परिसर में जबरदस्ती मांस और शराब का सेवन करते हैं। इसलिए लोगों को डर है कि शिव भगवान नाराज हो गये हैं। गांव पर बाढ का प्रकोप होने वाला है।
मंदिर के बारे में दंतकथा प्रचलित है कि निर्माण कार्य के दौरान यहां के शिवलिंग को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रयास किया गया था। जब खुदाई हुई तो शिवलिंग काफी गहरा पाया गया और बाद में खुदाई रोक दी गयी। ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर करीब 300 वर्ष पुराना है।
मंदिर के ठीक किनारे कोसी की सहायक सुरसर नदी है लेकिन इस बारहमासी नदी के कारण मंदिर को आज तक कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। नदी ने मंदिर के किनारे का कटाव नहीं हुआ है।
ग्रामीण विजय यादव कहते हैं, लोग भयभीत हैं कि शिव भगवान नाराज हैं। भगवान शिव पाताल में जा रहे हैं। सिंहेश्वर मंदिर ट्रस्ट बोर्ड के प्रबंधक महेश्वरी सिंह ने कहा, मंदिर परिसर में असामाजिक तत्वों के परिसर में आने की शिकायत ग्रामीणों से प्राप्त हुई है। इसे रोकने के लिए कदम उठाये जाएंगे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, July 7, 2012, 19:28