शीला ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की मांग की

शीला ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की मांग की

नई दिल्ली : छात्रा के साथ चलती बस में बलात्कार की घटना के लिए पुलिसकर्मियों की जवाबदेही तय करने की मांग करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने आज कहा कि वह बलात्कार के मामलों के निपटारे के लिए त्वरित अदालतें चाहती हैं। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में पिछले हफ्ते हुई इस घटना जैसे दुर्लभ मामलों के लिए मौत की सजा का प्रावधान किये जाने की भी इच्छा जताई।

शीला ने राष्ट्रीय राजधानी में वीआईपी सुरक्षा में पुलिसकर्मियों की तैनाती पर गंभीरता से विचार करने की मांग करते हुए कहा कि आम लोगों को सुरक्षा मुहैया नहीं होने के लिए इसका बहाना नहीं बनाया जा सकता। शीला ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिदे से मुलाकात की और पुलिस की युक्तिसंगत तैनाती सहित पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतों पर विचार करने के लिए एक अलग प्राधिकरण की स्थापना करने की अपील की।

शीला ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘आम लोगों में असुरक्षा की भावना के लिए वीआईपी सुरक्षा का बहाना नहीं बनाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस की गश्त बढ़ाई जानी चाहिए। वीआईपी सुरक्षा जैसी तैनातियों को कम कर पुलिसकर्मियों की युक्तिसंगत तैनाती की जानी चाहिए।

शीला अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ शिंदे के आवास पर गई और गृह मंत्री से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक परिवहन में पुलिसकर्मी तैनात किये जाए। मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल की एक आपात बैठक की अध्यक्षता करने के फौरन बाद शिंदे के आवास पर गई।

सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल ने महसूस किया कि शहर में महिलाओं में सुरक्षा की भावना लाने के लिए ठोस कदम उठाये जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने शिंदे के साथ अपनी बैठक में उनसे कहा कि पुलिस आयुक्त, उपराज्यपाल और गृहमंत्रालय इस तरह की घटना को रोकने के लिए फौरन एक तंत्र बनाये।

शीला ने राष्ट्रीय राजधानी में वीआईपी सुरक्षा में पुलिसकर्मियों की तैनाती को लेकर ‘गंभीरता से विचार’ का आह्वान करते हुए कहा कि इसे आम लोगों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराने का बहाना नहीं बनाया जा सकता। शीला ने अपने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात की और पुलिस की युक्तिसंगत तैनाती सहित पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतों पर विचार करने के लिए एक अलग प्राधिकरण की स्थापना करने की अपील की।

शीला ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘आम लोगों में असुरक्षा की भावना के लिए वीआईपी सुरक्षा का बहाना नहीं बनाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस की गश्त बढ़ाई जानी चाहिए। वीआईपी सुरक्षा जैसी तैनातियों को कम करके पुलिसकर्मियों की युक्तिसंगत तैनाती की जानी चाहिए। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 23, 2012, 23:11

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