Last Updated: Wednesday, April 3, 2013, 21:01

नई दिल्ली : सीबीआई ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के बलीपुर गांव में पुलिस अधिकारी जिया-उल-हक की जान जाहिर तौर पर भीड़ ने ली थी ,जो ग्राम प्रधान नन्हे यादव की मौत के बाद उग्र हो गयी थी।
सीबीआई के सूत्रों ने हालांकि कहा कि ये गवाहों के बयानों के आधार पर शुरूआती निष्कर्ष हैं लेकिन अभी तक उसकी जांच में यह बात सामने आई है कि यादव की मौत के बाद एकत्रित भीड़ ने डीएसपी हक पर हमला बोल दिया और इसमें से किसी ने उन्हें गोली मार दी जिससे उनकी मौत हो गयी।
सूत्रों ने कहा कि डीएसपी की हत्या में विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की कथित संलिप्तता के बारे में उन्हें अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है लेकिन इस स्तर पर कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता और टीम मामले को सुलझाने के लिए अब भी हरसंभव साक्ष्य की तलाश में है।
सूत्रों के मुताबिक शुरूआती जांच में हक की हत्या के सिलसिले में तस्वीर थोड़ी साफ हो रही है लेकिन नन्हे और उनके भाई सुरेश की हत्याओं के मामले में किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले अब भी गहन जांच चल रही है।
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने 2 मार्च को बलीपुर में हक से पहले मारे जा चुके नन्हे और सुरेश यादव के परिजनों से पूछताछ की ताकि उस दिन के घटनाक्रम की कड़ियों को जोड़ा जा सके।
सीबीआई को हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण चीजें मिली थीं जिनमें मृतक सुरेश के घर में छिपे एक बक्से से खून से सनी कारतूस की बेल्ट, गांव के एक और इलाके से रक्तरंजित लकड़ी की छड़ और सबसे अधिक अहम हक की सर्विस रिवॉल्वर है। हक कुंडा में पुलिस क्षेत्राधिकारी के तौर पर पदस्थ थे।
सूत्रों ने कहा कि सीबीआई ने लकड़ी की छड़ और कारतूस बेल्ट को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया था। उन्होंने कहा कि इस बीच सीबीआई के एक आला अधिकारी ने उत्तर प्रदेश के प्रधान गृह सचिव को पत्र लिखकर प्रतापगढ़ के कुंडा में तैनात स्थानीय पुलिस अधिकारियों का तबादला इस आधार पर करने की मांग की थी कि उनकी मौजूदगी से जांच प्रभावित हो सकती है।
प्रतापगढ़ जिले के कुंडा क्षेत्र में चार थाने आते हैं जिनमें हथिगावन, मानिकपुर, कुंडा और नवाबगंज हैं। सीबीआई ने अपने पत्र में संकेत दिया कि स्थानीय पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी से जांच प्रभावित हो सकती है क्योंकि स्थानीय लोग डर से या अन्य कुछ कारणों से अपने बयान देने में झिझक रहे हैं।
सीबीआई को लगता है कि नन्हे को भाड़े के हत्यारों ने 2 मार्च को उस समय गोली मार दी जब वह बलीपुर गांव में चाय की एक दुकान पर खड़े थे। यादव की हत्या के बाद हक हालात को काबू में करने के लिए गांव पहुंचे थे। मौके से यादव के भाई सुरेश का भी शव मिला था।
हक की पत्नी की शिकायत के आधार पर राजा भैया के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया और बाद में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सीबीआई ने कुंडा तहसील के बलीपुर गांव में तीन हत्याओं के सिलसिले में चार मामले दर्ज किये हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 3, 2013, 21:01