Last Updated: Monday, May 21, 2012, 07:49
श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में सोमवार को अलगाववादियों के बंद तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण जनजीवन प्रभावित रहा। दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान, शैक्षिक संस्थान बंद रहे और सार्वजनिक वाहन नहीं चले। अलगाववादियों ने हुर्रियत के वरिष्ठ नेता मीरवाइज मौलाना मुहम्मद फारुक और अब्दुल गनी लोन की पुण्यतिथियों के मद्देनजर बंद रखा है। इन दोनों नेताओं की क्रमश: 1990 और 2002 को अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी।
सरकारी कार्यालय, बैंक और डाकघरों में सामान्य रूप से कामकाज हुआ हालांकि सार्वजनिक वाहन नहीं चलने की वजह से उनमें उपस्थिति कम रही।
मीरवाइज उमर फारुक की अगुवाई वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े ने ईदगाह कब्रिस्तान पर रैली का आह्वान किया है, लेकिन प्रशासन ने पांच थाना क्षेत्रों के अंतर्गत पड़ने वाले इलाकों में कुछ प्रतिबंध लगा दिए हैं। इनमें खानयार, नौहाटा, एमआर गंज, साफा कदल और रैनावाड़ी शामिल हैं।
सोमवार को पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हुर्रियत कार्यालय में रविवार को हुई झड़पों के मद्देनजर ऐसा अंदेशा था कि आज की प्रस्तावित रैली के दौरान भी झड़पे हो सकती हैं। इसलिए सोमवार सुबह जिला अधिकारियों का एक दल प्रस्तावित जुलूस और रैली के संदर्भ में मीरवाइज उमर फारुक से मुलाकात करने पहुंचा।
बयान में कहा गया, "मीरवाइज ने टीम से मिलने से इंकार कर दिया। जिला मजिस्ट्रेट के अनुसार ऐसे में शांति भंग होने से रोकने के लिए कुछ पुराने शहरों में प्रतिबंध लगाने के अलावा हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है।"
पुलिस ने मीरवाइज उमर फारुक, सयैद अली शाह गिलानी, शब्बीर शाह सहित हुर्रियत के वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद कर दिया है।
पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दस्ते तैनात कर दिये गए हैं और अब तक कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, May 21, 2012, 13:25