Last Updated: Sunday, January 20, 2013, 19:29

चेन्नई : द्रमुक अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने आज दावा किया कि श्रीलंका में तमिल समुदाय के लोग ‘दमनकारी माहौल’ में रह रहे हैं। करुणानिधि ने इस अत्याचार को रोकने के लिए केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि भारत पर ऐसा करने का ‘नैतिक दायित्व’ है।
करुणानिधि ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि श्रीलंकाई सरकार तमिल भाषा, संस्कृति और धर्म को मिटाने तथा ऐतिहासिक रूप से उनके दबदबे वाले क्षेत्रों से तमिलों का घनत्व कम करने का गहन और योजनाबद्ध तरीके से कार्यक्रम चला रही है।
करुणानिधि ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि तमिल गांवों का नाम बदला जा रहा है, गांव की सीमाओं को फिर से तय किया जा रहा है और हिन्दू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आंतरिक रूप से विस्थापित तमिल परिवारों को फिर से बसाने के लिए कोष आवंटित नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार तमिल भूमि पर सिंहलियों को बसाने को बढ़ावा दे रही है।
करुणानिधि ने कहा कि सिंहली सरकार द्वारा कई चालें चली जा रही हैं। श्रीलंका में तमिल दमनकारी माहौल में रह रहे हैं। उन्होंने तमिलों के दमन को दिखाने के लिए केवल मुल्लाइतिवु जिले में 148 छोटे और 13 मुख्य सेना शिविरों, कथित रूप से तोड़े गये 367 हिन्दू मंदिरों और सिंहली में नाम रखे गये 89 तमिल गांवों की सूची पत्र के साथ संलग्न की। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 20, 2013, 19:29