संजय दत्‍त HC में दायर कर सकते हैं सुधारात्मक याचिका

संजय दत्‍त HC में दायर कर सकते हैं सुधारात्मक याचिका

मुंबई : यहां विशेष टाडा अदालत में गुरुवार को आत्मसमर्पण करने वाले बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर करने की योजना बना रहे हैं।

जब अदालत में 53 वर्षीय अभिनेता को हिरासत में लेने की कार्यवाही चल रही थी तब उनके वकील रिजवान मर्चेंट ने न्यायाधीश जीए सनाप से कहा कि हम शीघ्र ही शीर्ष अदालत में सुधारात्मक याचिका दायर करने की योजना बना रहे हैं। इससे पहले संजय दत्त ने उन्हें हथियार कानून के तहत दोषी ठहराने एवं पांच साल की कैद की सजा सुनाए जाने को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में समीक्षा याचिका दायर की थी।

लेकिन शीर्ष अदालत ने समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी और संजय दत्त को 16 मई तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। समीक्षा याचिका खारिज होने के बाद अभियुक्त के पास सुधारात्मक याचिका या क्षमादान याचिका दायर करने का विकल्प रह जाता है। सुधारात्मक याचिका की अवधारणा 2002 में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से आई थी, जिसमें उसने कहा था कि समीक्षा याचिका खारिज होने के बाद उच्चतम न्यायालय के फैसले या आदेश में किसी ऐसी त्रुटि से जब इंसाफ का गला घुट जाने की स्थिति पैदा होने की संभावना हो, उस त्रुटि में सुधार की गुजाइंश है। समीक्षा याचिका फैसले के 30 दिन के अंदर दायर की जानी होती है जबकि सुधारात्मक याचिका दायर करने की कोई समय सीमा नहीं है।

संजय दत्त के पास (अच्छे आचरण के लिए) रहम करना और सजा में कटौती जैसे अनुरोध करने का भी विकल्प है। उन्होंने स्वयं कोई क्षमा याचिका नहीं दायर की है लेकिन उनकी सजा माफ करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल को 30 आवेदन मिले हैं। वह राष्ट्रपति के समक्ष भी क्षमादान याचिका दायर कर सकते हैं।

संजय दत्त ने अपनी साढ़े तीन साल की सजा में से शेष सजा पूरी करने के लिए आज आत्मसमर्पण किया। उन्हें यरवदा जेल में रखा जा सकता है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, May 16, 2013, 19:59

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