Last Updated: Wednesday, October 12, 2011, 12:32

अहमदाबाद : अहमदाबाद की एक अदालत ने गिरफ्तार किए गए निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की जमानत अर्जी पर बुधवार को फैसला 17 अक्टूबर तक के लिए सुरक्षित रखा। विशेष सरकारी वकील एसवी राजू और भट्ट के वकील आईएच सैयद की दलीलों पर सुनवाई के बाद सत्र न्यायाधीश वीके व्यास ने जमानत अर्जी पर फैसला 17 अक्तूबर तक सुरक्षित रखा।
एक हफ्ते तक चली सुनवाई के दौरान भट्ट के वकील सैयद ने दलील दी कि उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी का मकसद उनके पास गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2002 के सांप्रदायिक दंगों के बाबत मौजूद कथित साक्ष्यों को कब्जे में लेना और नष्ट करना है। सैयद ने यह दलील भी दी कि जिस शिकायत पर भट्ट को गिरफ्तार किया गया था वह झूठी थी और कुछ राजनेताओं तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के कहने पर गुप्त इरादों से दाखिल की गयी थी। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि शिकायती केडी पंत राज्य सरकार के राजनीतिक सदस्यों के आदेश पर चाल चल रहा है। जिसने भट्ट पर खुद को धमकाने और झूठे हलफनामों पर दस्तखत कराने का आरोप लगाया था।
सैयद ने कहा कि भट्ट पर आईपीसी की जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया उनमें से अधिकतर जमानती हैं और उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। राज्य सरकार के वरिष्ठ वकील राजू ने भट्ट की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें जमानत का हक नहीं है क्योंकि उनका आपराधिक इतिहास है और वह आदतन अपराधी है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 12, 2011, 18:02