Last Updated: Sunday, October 2, 2011, 04:47
अहमदाबाद: संजीव भट्ट की गिरफ्तारी पर गुजरात बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग छिड़ चुकी है. कांग्रेस ने भट्ट की गिरफ्तारी को जहां बदले की कार्रवाई बताया है वहीं बीजेपी ने इसे जायज ठहराया है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिघवी ने कहा कि भट्ट को शिकार बनाया जा रहा है. उनके घर पर बार-बार छापे मारे जा रहे हैं. गुजरात में कोई कानून एवं व्यवस्था नहीं है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा कि भट्ट के एक साथी अधिकारी की शिकायत पर ही उन्हें गिरफ्तार किया गया. इसका उनके द्वारा मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए आरोपों से कोई लेना-देना नहीं है.
गुजरात में भाजपा प्रभारी बलबीर पुंज ने कहा कि भट्ट की गिरफ्तारी पूरी तरह जायज है. यदि आपने कानून तोड़ा है तो आपको परिणाम का सामना करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए.
गुजरात दंगे की जांच में ढिलाई के लिए मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराने वाले आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को गिरफ्तार किए जाने के अगले दिन शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. उनकी जमानत अर्जी सोमवार को दायर होगी तब तक उन्हें जेल में रहना होगा. उनकी अर्जी पर सोमवार को ही सुनवाई होगी.
उन्हें एक पुलिसकर्मी को कथित रूप से धमकी देने और 27 फरवरी 2002 को मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक में उसकी मौजूदगी के सम्बंध में एक झूठे हलफनामे पर उससे हस्ताक्षर कराने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था.
भट्ट की गिरफ्तारी को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रतिशोधपूर्ण कार्रवाई करार देते हुए आरोप लगाया कि गुजरात सरकार उन गवाहों को चुप करा देती है जो 2002 के साम्प्रदायिक दंगों के खिलाफ आवाज उठाते हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता शीतलवाड़ ने कहा है कि संजीव भट्ट ने आवाज उठाई और दंगे में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका के बारे में कुछ बोलने का प्रयास किया तो अब सरकार उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित कर रही है.
First Published: Sunday, October 2, 2011, 11:32