Last Updated: Friday, February 22, 2013, 19:50
लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने लखनऊ के उप मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) की मौत के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) द्वारा दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को शुक्रवार को खारिज करते हुए फिर से विवेचना करने के आदेश दिए। अदालत ने शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करते हुए सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया और कहा कि जांच एजेंसी सचान की मौत की जांच फिर से करे क्योंकि यह आत्महत्या का मामला नहीं लगता है।
उल्लेखनीय है कि लखनऊ में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) योजना में गड़बड़ियों और दो सीएमओ विनोद आर्या व बी़पी सिंह की हत्या में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किए गए सचान जून 2011 में लखनऊ जेल में संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। परिजनों की मांग पर तत्कालीन मायावती सरकार ने सचान की मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।
सीबीआई ने करीब एक साल से ज्यादा समय तक जांच के बाद गत वर्ष सितम्बर माह में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर सचान की मौत को अत्महत्या मानते हुए कहा था कि उनके शरीर पर जितनी भी चोटें थीं वह उन्होंने खुद मारी थीं और हत्या के किसी भी तरह के सबूत जांच एजेंसी के हाथ नहीं लगे। सचान की पत्नी मालती ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए लखनऊ खंडपीठ में इसे चुनौती दी थी। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 22, 2013, 19:50