Last Updated: Friday, August 9, 2013, 23:08
नई दिल्ली : पर्यावरण मंत्रालय की ओर से गठित एक समिति को समझा जाता है कि गौतम बुद्ध नगर जिले में अवैध रेत खनन के साक्ष्य मिले हैं। खनन माफिया पर कार्रवाई के कारण हाल में इस जिले में पदस्थापित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को निलंबित कर दिया गया था।
मसौदा रिपोर्ट की जानकारी रखने वाले एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि मंत्रालय के दल को साक्ष्य मिले हैं जो साबित करते हैं कि उत्तर प्रदेश के जिले में अवैध खनन हो रहा है। रिपोर्ट को तीन सदस्यों के पैनल ने तैयार किया है। सूत्र ने कहा कि रिपोर्ट इलाके में पारिस्थितिकी उल्लंघन की घटनाओं को उजागर करती है । उन्होंने कहा कि रिपोर्ट को पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन को सोमवार को सौंपा जाएगा।
पर्यावरण मंत्रालय में निदेशक सरोज के नेतृत्व में समिति से कहा गया था कि उत्तरप्रदेश के जिले में कथित अवैध बालू खनन के विपरीत पर्यावरणीय प्रभाव की जांच करे। पैनल में आईबीएम देहरादून कार्यालय में उप कलेक्टर खनन जीसी मीणा और लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय में निदेशक केके गर्ग सदस्य थे। पैनल से इसी हफ्ते अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। समझा जाता है कि इलाके में अवैध खनन के आरोपों की ‘वास्तविक स्थिति’ का पता चला है। सूत्रों ने कहा कि दल ने मामले में आगे की कार्रवाई पर भी सुझाव दिए हैं।
गौतम बुद्ध नगर में अवैध बालू खनन के खतरे को लेकर विभिन्न रिपोर्ट के मद्देनजर दल का गठन किया गया था। मंत्रालय का कहना है कि ‘अवैध खनन के गंभीर पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी दुष्प्रभाव होते हैं।’ प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में भी दिखाया गया था कि अवैध बालू खनन के लिए भारी मशीनरी का प्रयोग किया जा रहा है। गौतम बुद्ध नगर जिले की 28 वर्षीय एसडीएम नागपाल को एक मस्जिद की दीवार ढहाने का आरोप लगाकर 27 जुलाई को प्रक्रिया का पालन किए बगैर निलंबित कर दिया गया था। मंत्रालय के मुताबिक पर्यावरण मंजूरी के बिना किसी भी खनन लीज इलाके से बालू खनन नहीं किया जा सकता। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 9, 2013, 23:08